यह अनोखा चर्च 1852 में बनाया गया था. यह चर्च देवदार के जंगलों के बीच में स्थित है और यह चर्च जॉन द बैपटिस्ट को समर्पित किया गया है. बेल्जियम ग्लास से बनी खिड़कियां इस चर्च को अनोखा और उत्तर भारत की लोकप्रिय चर्चों में से एक बनाती हैं.
यह दुनिया में सेंट सेबेस्टियन का सबसे बड़ा मंदिर है. यह दक्षिण भारत के प्रसिद्ध चर्चों में से एक है और इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली मिशनरियों द्वारा किया गया था. चर्च प्राचीन वास्तुकला को प्रदर्शित करता है और इसके अंदरूनी हिस्से में लकड़ी का काम है.
यह चर्च उत्तरी भारत का दूसरा सबसे पुराना चर्च है. इस चर्च को बनाने में 11 साल लगे थे और अब यहां देश भर से पर्यटक इसे देखने आते हैं. यह चर्च वास्तुकला की नव-गॉथिक स्टाइल को दर्शाता है और सर्दियों के दौरान तो यह और भी शानदार दिखता है.
यह एशिया का पहला एपिस्कोपेलियन चर्च है, जो शहर के बिल्कुल बीच में स्थित है. यह ब्रिटिशों द्वारा इंडो-गॉथिक शैली में बनाया गया था. क्रिसमस के दौरान चर्च अद्भुत दिखता है और यहां न केवल ईसाई बल्कि सभी धर्मों के पर्यटक आते हैं.
बेसिलिका ऑफ अवर लेडी ऑफ डोलोरेस 1875 में निर्माण हुआ था. इसकी दीवारों के साथ-साथ छत पर बने चित्र निश्चित रूप से प्रभावित करने वाले हैं. चर्च में 140 फीट लंबी मीनार है, जिसे आप शहर के किसी भी कोने से देख सकते हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़