Rambha Tritiya 2023: इस व्रत को करने से होती है सौभाग्य और यौवन की प्राप्ति
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Rambha Tritiya 2023: इस व्रत को करने से होती है सौभाग्य और यौवन की प्राप्ति

Rambha Tritiya 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज रम्भा तृतीया है. ज्यादातर महिलाएं आज के दिन व्रत भी रखती हैं, जिसका उन्हें विशेष लाभ मिलता है. बता दें, इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी कर सकती हैं.  

सांकेतिक तस्वीर

Rambha Tritiya Vrat 2023: हिंदू कैलेंडर के हिसाब से सप्ताह का हर दिन खास माना जाता है. सप्ताह के सातो दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होते हैं, जैसे आज का दिन शिव जी को समर्पित है. आज भोलेनाथ की विधिवत पूजा करने से भक्तों पर उनकी कृपा होती है और शिव जी अपने भक्त से प्रसन्न होकर उन्हें विशेष फल देते हैं. 

आज है रंभा तीज व्रत 
ये तो आप सभी को मालूम है कि भारत इकलौता ऐसा देश है, जहां आए दिन कोई न कोई त्योहार होता है. यहां के लोग न सिर्फ होली, दिवाली और रक्षा बंधन बल्कि अन्य त्योहारों को भी विधिवत तरीके से मनाते हैं. हिंदू धर्म में हर माह में कोई न कोई त्योहार पड़ता है, जैसे आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की रम्भा तृतीया है, जिसे 'रंभा तीज व्रत' भी कहा जाता है.

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यह है रम्भा तृतीया की व्रत कथा? 
रम्भा तृतीया का व्रत फलदायी माना जाता है. कहा जाता है कि इस व्रत को करने से जीवन की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी पृथ्वी के सृजन के लिए नारायण से बात कर रहे थे. यह सुनकर मां लक्ष्मी नाराज हो गईं और वह क्षीर सागर में समा गईं, जिसके बाद सभी देवता और दानव भी हीन हो गए और हर ओर प्रलय सी आ गई.

ऐसे हुई 'रंभा' की उत्पत्ति
सृष्टि को चलाने के लिए लक्ष्मी का होना बेहद जरूरी था. इसी को ध्यान में रखते हुए देवता और असुरों के बीच समुद्र मंथंन हुआ. इस दौरान समुद्र में से 14 रत्न बाहर आए. इस समय एक अपरा की भी उत्पत्ति हुई, जिसका नाम था 'रंभा'. माना जाता है कि यह अप्सरा सौंदर्य की प्रतीक थी. इसके बाद अंत में माता लक्ष्मी बाहर आईं. 

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क्या है व्रत का महत्व?
मां लक्ष्मी और अप्सरा रम्भा मंथन के दौरान एक ही दिन बाहर आईं थी. इस दिन ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया थी, जिसके बाद इस दिन को 'रंभा तीज' के नाम से जाना जाने लगा और रंभा नाम की इस अप्सरा की पूजा की जाने लगी. मान्यता है कि रंभा तृतीया का व्रत करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही आरोग्य और यौवन की भी प्राप्ति होती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)

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