Sawan 2023 Special: जानिए ऊना के बनौड़े अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर की कहानी, जलाभिषेक करने पर मुराद होती है पूरी
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Sawan 2023 Special: जानिए ऊना के बनौड़े अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर की कहानी, जलाभिषेक करने पर मुराद होती है पूरी

Himachal Pradesh's Una's Banode Ardhnarishwar Mahadev Mandir story: सावन के महीने को लेकर प्रचीन बनौड़े महादेव मंदिर में भक्तों की लम्बी कतार देखने को मिली है. 

Sawan 2023 Special: जानिए ऊना के बनौड़े अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर की कहानी, जलाभिषेक करने पर मुराद होती है पूरी

Sawan 2023 news in hindi, Know Himachal Pradesh's Una's Banode Ardhnarishwar Mahadev Mandir story: सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है और ऐसे में पांडवों द्वारा निर्मित ऊना के बनौड़े अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर में लम्बी कतार देखने को मिली. मान्यता है कि यहां मौजूद शिवलिंग पर जल चढाने से सबकी मनोकामना पूरी हो जाती है. आइए जी मीडिया के जरिए जानिए बनौड़े अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर का इतिहास और यहां की मान्यता. 

ऊना का बनौड़े अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर, जहां एक खंडित शिवलिंग के रूप भगवान शिव-पार्वती विराजमान हैं. पांडवों द्वारा निर्मित इस मंदिर में सच्चे मन से अगर कोई भक्त शिवलिंग का जल से अभिषेक करे तो उसकी मुराद पूरी हो जाती है. ये शिवलिंग बीच में से कटा हुआ है, कहते हैं इसके एक ओर भगवान शिव और दूसरी तरफ मां पार्वती विराजमान हैं, आज हम अपने दर्शकों को इस मंदिर के दर्शन करवाएंगे. 

ऊना के बनौड़े अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव-पार्वती एक खंडित शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं. कहते हैं इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में पांडवों ने करवाया था. ऐसी मान्यता है कि आज जहां पर मंदिर है, कभी वहां पर एक राक्षस रहता था, जो देवताओं को काफी परेशान करता था. इस राक्षस को भगवान ब्रम्हा से वर प्राप्त था कि न तो उसे कोई नर मार सकता था और न ही कोई नारी मार सकती थी. 

इसी वर के अभिमान में चूर वो राक्षस देवताओं को परेशान करता रहता था. तब भगवान् शिव ने इस राक्षस के जुल्म से देवताओं को छुटकारा दिलाने के लिए अर्धनारीश्वर का अवतार लिया था और इसी स्थान पर उस राक्षस का वध किया था. जिसके बाद भगवान शिव यहां मां पार्वती के साथ अर्धनारीश्वर के रूप में सदा के लिए खंडित शिवलिंग के रूप में विराजमान हो गए. 

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इसके बाद पांडवों ने यहां पर इस मंदिर का निर्माण किया था और पूजा अर्चना की थी. पुजारी के मुताबिक यह प्राचीन मंदिर 6 हजार साल से ज्यादा पुराना है. शिवालिक की पहाडियों के बीच बने इस मंदिर में कहते हैं जो भी सच्चे मन से खंडित शिवलिंग के रूप में भगवान शिव-पार्वती के अर्धनारीश्वर स्वरुप को जलाभिषेक करता है, उसके मन की मुराद जरूर पूरी होती है. 

ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर आकर बिन मांगे ही भगवान शिव-पार्वती आपकी मनोकामना पूरी करते हैं. 

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