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नई दिल्ली: अपने गुरु को सम्मान देने और उनका आशीर्वाद पाने का पर्व यानी की गुरु पूर्णिमा 23 जुलाई, 2021 को मनाई जाएगी. हिंदू धर्म के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिसा मनाई जाती है, जो महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास की जन्मतिथि भी है और महर्षि व्यास को आदिगुरु माना गया है.
इसलिए उनकी जन्म तिथि को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाई जाती है. लेकिन, इस साल गुरु पूर्णिमा के साथ शनि देव का भी प्रसन्न करने का विशेष संयोग बन रहा है. शनि की ढैय्या और साढ़े साती जातक की जिंदगी पर बहुत भारी पड़ती है और अगर कुंडली में शनि की कुदृष्टि हो तो मुश्किलों भी बढ़ने लगती है.
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ऐसे जातकों को शनि देव से जुड़े खास योग बनने पर उपाय जरूर करने चाहिए. उन जातकों को शनि के प्रकोप से राहत मिलेगी. इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन शनि पूजा का ऐसा ही खास योग बन रहा है. ऐसे समय में साढ़े साती झेल रही धनु, मकर और कुंभ के साथ-साथ ढैय्या झेल रही मिथुन और तुला राशि के जातकों को कुछ उपाय कर लेने चाहिए.
गुरु पूर्णिमा पर करें शनि देव की पूजा अर्चना
शनि की साढ़े साती और ढैय्या का प्रकोप झेल रहे व्यक्ति के पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, करियर पर काफी बुरा असर डालती है. इन मुश्किलों को कम करने के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन इन उपायों को अपनाने से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे....
गुरु पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ के चारों तरफ 7 बार परिक्रमा करते हुए ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का उचारण करें. शनि के प्रकोप से बचने के लिए हर शनिवार को ऐसा करें.
काले तिल मिले जल से शिवलिंग का अभिषेक करें. शिव जी की पूजा करने से शनि ग्रह का अशुभ असर खत्म हो जाता है.
शनिवार के दिन काले कुत्ते को सरसों का तेल लगी रोटी खिलाएं.
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शनिवार के दिन गरीबों को सरसों का तेल, लोहे से बनी कोई भी चीज, काली दाल, काले वस्त्र भी दान कर सकते हैं.
पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
भगवान हनुमान के सामने दीया जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें.
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