महाराष्ट्र की राजनीति में आए भूचाल के बीच अगर किसी एक शख्स का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है तो वो हैं एकनाथ शिंदे...
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चंडीगढ़- एक समय था जब एकनाथ शिंदे कभी शिवसेना के स्तंभ माने जाते थे, लेकिन उद्धव ठाकरे के एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने और बेटे आदित्य ठाकरे को अधिक तवज्जो देने के चलते शिंदे काफी नाराज थे.
महाराष्ट्र के सतारा जिले में 9 फरवरी 1964 को जन्मे एकनाथ शिंदे का रिक्शा चालक से महाराष्ट्र के सीएम पद का सफर काफी हैरान व चौंकाने वाला है.
शिंदे पढ़ाई के लिए ठाणे आए थे. यहां उन्होंने 11वीं की पढ़ाई की. वह वागले एस्टेट इलाके में रहकर ऑटो रिक्शा चलाते थे. इसी दौरान उनकी मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई.
उन्होंने 1980 के दशक में शिवसेना ज्वाइन किया था. यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी. 1984 में उन्हें किसाननगर में शाखा प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया. सीमा आंदोलन के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा.
1997 में वह पहली बार ठाणे नगर निगम में एक नगरसेवक के रूप में निर्वचित हुए. साल 2001 में सदन के नेता के रूप में उनका चयन हुआ. फिर उन्होंने लगातार तीन साल तक इस पद को संभाला. साल 2004 में वह तत्कालीन ठाणे विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए. साल 2005 में ठाणे जिला प्रमुख के रूप में शिवसेना की नियुक्ति हुई.
2019 में मुख्यमंत्री पद को लेकर भी उनके नाम की काफी चर्चा हुई थी. शिवसेना विधायक दल की बैठक में आदित्य ठाकरे ने शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा और वह विधायक दल के नेता भी चुन लिए गए. मगर बाद में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने, शिंदे उद्धव सरकार में शहरी विकास मंत्री बने.
1990 का दशक एकनाथ शिंदे के लिए काफी चुनौतियों से भरा था. उस समय उन्हें अपने परिवार का भरण पोषण के लिए काफी मशक्कत करना पड़ा था. शिंदे का शुरुआती जीवन तो संघर्ष भरा था ही, उनकी जिंदगी में कठिन दौर आया जब हादसे में उन्होंने अपने दोनों बच्चे खो दिए. 11 साल का बेटा दीपेश और सात साल की बेटी शुभदा की हादसे में मौत हो गई.
घटना के बाद शिंदे पूरी तरह से टूट गए थे. उन्होंने राजनीति से किनारा कर लिया था. तब आनंद दिघे ने उनका मनोबल बढ़ाया और फिर सक्रिय राजनीति में वापसी कराई.
बीते दिन यानि बुधवार को उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद आज बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने राजभवन जाकर राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया. गवर्नर से मुलाकात के बाद देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने राजभवन में संयुक्त प्रेस वार्ता की.
बीजेपी ही नहीं शिंदे गुट के विधायकों को भी ऐसी कोई भनक नहीं थी कि एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया जाएगा . बीजेपी की ओर से अभी एक और बड़ा और चौंकाने वाला फैसला बाकी था. वो था देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाए जाने का ऐलान. अब महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सीएम और देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम हैं.