">आज के दिन जब रो पड़ा था पूरा देश, हर तरफ खून ही खून! Black Day की तीसरी बरसी
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आज के दिन जब रो पड़ा था पूरा देश, हर तरफ खून ही खून! Black Day की तीसरी बरसी

Pulwama Attack-  देश के सबसे बड़े पुलवामा आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में आतंक का चेहरा बदल गया. 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर हुआ हमला देश की अस्मिता पर सीधा हमला था. 

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चंडीगढ़- पुलवामा हमले की आज तीसरी बरसी है. तीन साल पहले 14 फरवरी, 2019 का दिन आखिर कौन भूल सकता हैं. आज ही के दिन पुलवामा आतंकी हमले में देश के 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे. आतंकवादियों ने इस दिन देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमला किया था.

देश के सबसे बड़े पुलवामा आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में आतंक का चेहरा बदल गया. 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर हुआ हमला देश की अस्मिता पर सीधा हमला था. हमले में 40 देश के सुरक्षाकर्मियों को खो दिया. 

तीन साल पहले पुलवामा में हमला कर देश के दुश्मनों ने हमारे हौसले को तोडऩे की साजिश रची थी पर देश ने ऐसा माकूल जवाब दिया कि वह फिर सिर उठाने के काबिल नहीं रहे.

पुलवामा के बाद देशभर में गुस्से का उबाल ऐसा उठा कि अब आतंक के रहनुमाओं को कोई ठोर नहीं मिल रहा है. हमारे सुरक्षाबलों ने साबित कर दिया कि भारत अपनी सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यकता पड़ी तो दुश्मन को उसके घर में घुसकर मार भी सकता है.

उन सभी जवानों की शहादत को देश आज याद कर रहा है. वो धमाका इतना जबरदस्त था कि कुछ देर तक सब कुछ धुआं-धुआं हो गया. जैसे ही धुआं हटा, वहां का दृश्य इतना भयावह था कि इसे देख पूरा देश रो पड़ा. उस दिन पुलवामा में जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जवानों के शव इधर-उधर बिखरे पड़े थे. 

चारों तरफ खून ही खून और जवानों के शरीर के टुकड़े दिख रहे थे. जवान अपने साथियों की तलाश में जुटे थे. सेना ने बचाव कार्य शुरू किया और घायल जांबाजों को तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया. घटना के बाद पूरे देश में हाहाकार मच गया.

पुलवामा जिले के आवंतिपोरा के पास लेथपोरा इलाके में हुए हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, जिसके बाद भारत ने महज 12 दिनों में ही 'नापाक' पाक से बदला ले लिया. 

जवानों के इस काफिले में कई जवान छुट्टी पूरी करके ड्यूटी पर वापस लौटे थे. वहीं बर्फबारी की वजह से जो जवान श्रीनगर जाने वाले थे वो भी इसी काफिले की बसों में सवार थे. जैश सभी 2500 जवानों को निशाना बनाना चाहता था.

हमले के बाद सीआरपीएफ अधिकारी की ओर से इस हमले के बारे में जानकारी दी गई. उन्‍होंने उस समय बताया था कि काफिले में करीब 70 बसें थीं और इसमें से एक बस हमले की चपेट में आ गई. काफिला जम्‍मू से श्रीनगर की तरफ जा रहा था. चौंकाने वाली बात यह थी कि आतंकी संगठन जैश ने टेक्‍स्‍ट मैसेज भेज कर हमले की जिम्‍मेदारी ली गई थी. 

भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट एयरस्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया था. पुलवामा हमले के बाद से ही पाकिस्तान के खिलाफ देशभर में गुस्से का माहौल था.

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