World Radio Day 2022: कभी घर और चौबारों में गूंजती थी आवाज, विश्व रेडियो दिवस पर जानें क्या है इसका इतिहास
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World Radio Day 2022: कभी घर और चौबारों में गूंजती थी आवाज, विश्व रेडियो दिवस पर जानें क्या है इसका इतिहास

World radio day: आज 13 फरवरी के दिन देशभर में ‘विश्व रेडियो दिवस’ मनाया जाता है. हर साल रेडियो दिवस (world radio day) पर एक खास थीम (Theme) तैयार की जाती है. इस साल 2022 की थीम विकास (Evolution) है.

World Radio Day 2022: कभी घर और चौबारों में गूंजती थी आवाज, विश्व रेडियो दिवस पर जानें क्या है इसका इतिहास

World radio day: आज 13 फरवरी के दिन देशभर में ‘विश्व रेडियो दिवस’ मनाया जाता है. हर साल रेडियो दिवस (world radio day) पर एक खास थीम (Theme) तैयार की जाती है. इस साल 2022 की थीम विकास (Evolution) है. एक दौर था जब देश में टेलीविजन  (television) नहीं हुआ करते थे. उस समय हर कोई रेडियो सुनना पसंद करता था.

धीरे-धीरे सभी के घरों में टीवी आ गए और आज वो समय है जब सबके पास स्मार्ट फोन हैं. इसके बावजूद भी आज रेडियो का महत्व खत्म नहीं हुआ है. हालांकि रेडियो को पहले के मुकाबले कम सुना जाता है लेकिन रेडियो लगातार अपनी भूमिका निभा रहा है. आज रेडियो दिवस पर हम आपको बताएंगे कि रेडियो की शुरूआत कहां से हुई और हमारी जिंदगी में इसकी क्या भूमिका है?

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रेडियो अच्छा और सस्ता साधन

विश्व रेडियो दिवस की शुरुआत साल 2011 में की गई थी. गौरतलब है कि रेडियो एक ऐसा एक जनसंचार माध्यन है, जिसके जरिए शहरों ही नहीं बल्कि छोटे कस्बों, गांवो में भी किसी मैसेज को आसानी से और बड़े स्तर पर पहुंचाया जा सकता है. ये तो सभी को मालूम है कि रेडियो को सुनने के लिए पढ़े-लिखे होने की भी जरूरत नहीं होती. इसे गांव में रहने वाला कोई भी किसान या मजदूर वर्ग का व्यक्ति भी सुन सकता है. इतना ही नहीं ये एक बहुत अच्छा और सस्ता साधन है.

कोरोना में निभाई अहम भूमिका

कोरोना महामारी में लाखों लोगों की जिंदगियां चली गई. ऐसे में जब सब कुछ बंद था उस दौरान रेडियो ने लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया. माहामारी के बीच रेडियो के जरिए लोगों तक जरूरी जानकारियों को पंहुचाया गया. इतना ही नहीं इस समय जब ज्यादातर लोग घर में रहकर और वायरस से डरकर डिप्रेशन आ गए थे.

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तब रेडियो ने लोगों में सकारात्मकता फैलाई. रेडियो ने लोगों को बताया कि घर में रहकर कैसे खुद को स्वस्थ और सुरक्षित रखना है. वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी लोगों से बातचीत करने के लिए रेडियो को एक सही और अच्छा माध्यम मानते है.

ऐसे हुई रेडियो की शुरुआत

कनाडा के वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेंसडेन ने 24 दिसबंर, 1906 में रेडियो प्रसारण (radio broadcast) शुरू किया था. इसके बाद साल 1918 में ली द फोरेस्ट ने न्यूयॉर्क के हाईब्रिज में दुनिया के पहले रेडियो स्टेशन की शुरुआत की थी. कहा जाता है कि उस समय वहां की पुलिस ने इसे अवैध बताकर बंद करा दिया था.

तो वहीं, अगर बात की जाए भारत की तो यहां साल 1936 में पहले सरकारी रेडियो ‘इम्पीरियल रेडियो ऑफ इंडिया’ की शुरुआत हुई थी. देश की आजादी के बाद इसे ऑल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी का नाम दे दिया गया. इसके बाद भारत में आज कुल 214 सामुदायिक रेडियो प्रसारण केंद्र (कम्युनिटी रेडियो) हैं.

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