Chhapra-Siwan Hocch Tragedy: बिहार के सारण और सिवान जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्यां बढ़कर 27 हो गई है. जहरीली शराब ने कई लोगों की आंखों की रौशनी हमेशा के लिए छीन ली है. बिहार में जहरीली शराब से यह होने वाली घटना पहली नहीं इससे पहले भी कई जिलों में जहरीली शराब ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है. लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसके जिम्मेदार कौन हैं?
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Bihar Hooch Tragedy: बिहार में फिर से जहरीली शराब की वजह से कई घरों में मातम पसर गया है. छपरा और सिवान के कई पंचायतों में सन्नाटा है. यहां की कई औरतें बेवा हो गईं. छोटे-छोटे बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया. शव के पास बच्चों की आखों में आंसू और महिलाओं के रूदन को देखकर हर किसी के आंखों से आंसू नहीं रूक नहीं रहे हैं. शव के पास महिलाएं दहाड़ मारकर रो रही हैं तो बूढ़े मां-बाप जार-जार रो रहे हैं.जहरीली शराब पीने की वजह से छपरा और सिवान में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 27 तक पहुंच गई है. वहीं, कुछ लोगों ने हमेशा के लिए अपनी आंखों की रोशनी खो दी है. बिहार में शराब बंदी के बाद जहरीली शराब पीने से मौत की घटनाएं लगातार हो रही हैं. शराब बंदी वाले बिहार में इस घटना के बाद अब शराबबंदी समाप्त कर दिये जाने की सियासी मांग तेज होने लगी है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में बिहार में आठ साल पहले शराब पर पूर्ण रूप प्रतिबंध लगा दिया था. बावजूद इसके बिहार के हर गांव-गांव में शराब की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है. बिहार में शराब बंदी से हर महीने प्रदेश के किसी न किसी शहर या जिले में जहरीली शराब कहर बरपाती है. स्थानीय प्रशासन फिर भी तमाशबीन बनी रहती है.
बिहार में नीतीश कुमार की पूर्ण शराबबंदी की जमीनी हकीकत क्या है? ये सबके सामने है. आए दिन जहरीली शराब पीने से मौत की खबर आती रहती है. खासतौर पर इस इलाके में अवैध रूप से शराब की बिक्री जमकर हो रही है. इसी इलाके में दो साल पहले 2022 में जहरीली शराब ने 72 लोगों की जान ले ली थी. इस घटना के बाद पटना में खूब हंगामा होने के बाद इस इलाके में जमकर छापेमारी हुई, लेकिन आज हालात जस का तस है. अगर इस इलाके में कुछ बदला है तो वह है जहरीली शराब पीने से मरने वालों के नाम.
अब तक क्या हुई कार्रवाई?
इस मामले में अगर कार्रवाई की बात करें तो, इलाके के तीन चौकीदारों को निलंबित किया गया है और 5 पुलिस अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. वहीं, प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों को इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. बता दें, बिहार में 5 अप्रैल 2016 को शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया था.
"इन हत्याओं का दोषी कौन?": तेजस्वी
जहरीली शराब से मौत के तांडव पर बिहार की सियासत गरमा गई है. विपक्षी पार्टी राजद ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, "सरकार के संरक्षण में जहरीली शराब की वजह से 27 लोगों की हत्या कर दी गयी है. दर्जनों की आंखों की रौशनी चली गईं. बिहार में कथित शराबबंदी है, लेकिन सत्ताधारी नेताओं, पुलिस और माफिया के गठजोड़ की वजह से हर चौक-चौराहों पर शराब आसानी से उपलब्ध है."
उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा, "अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और सीएम बहुत बड़ी की विफलता नहीं है? क्या सीएम जी होशमंद है? क्या सीएम ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई करने और सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?"