पाकिस्तान के दो शख्स काशिफ और रिजवान गूगल जैसे प्लेटफॉर्म को उर्दू भाषा के लिए बड़ा योगदान दे रहे हैं. पढ़िए
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Google: आज के दौर में अगर किसी इंसान के पास ज्यादातर सवालों के जवाब होते हैं तो उसका 'गूगल' पड़ जाता है. वो इस वजह से क्योंकि गूगल दुनियाभर के लोगों बहुत कुछ सिखाता है. इस मौजूद जानकारी का शायद कोई अंत नहीं है. लोग इससे बहुत कुछ सीखते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि गूगल को भी कुछ सीखने की जरूरत होती है? जी हां गूगल को भी पहले सिखाया जाता है और फिर वो लोगों को सिखाता है.
इस खबर में हम आपको बताएंगे कि गूगल को उर्दू किसने सिखाई. क्योंकि उर्दू एक ऐसी भाषा है जिससे प्यार करने वालों की तादाद तो लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन इसके पढ़ने/लिखने और सीखने वाले दिन-ब-दिन कम होते जा रहे हैं. खैर, बात करतें हैं उस शख्स की जिसने गूगल को उर्दू सिखाई. गूगल को उर्दू सिखाने वाला शख्स पाकिस्तानी है. उर्दू के प्रचार-प्रसार के लिए काम अभी भी जारी है इसी सिलसिले में पाकिस्तान के दो नौजवान काशिफ और रिजवान हैं, जिन्होंने गूगल में उर्दू ट्रांस्लेट को जोड़ा है.
काशिफ और रिजवान ने पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई न्यूज के प्रोग्राम 'बा-खबर सवेरा' में स्पेशल मेहमान के तौर पर जुड़े लिया और दर्शकों को अपनी सेवाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गूगल ट्रांसलेशन को लेकर हम क्राउडसोर्स के ज़रिए गूगल को जानकारी मुहैया कराते हैं. क्राउडसोर्स एक ऐप है जिसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जाता है.
उन्होंने कहा कि इस एप के माध्यम से जो छात्र जानकारी या कोई अंग्रेजी साहित्य पढ़ना चाहते हैं, हम अनुवाद में उनकी मदद कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आप उर्दू में लिखकर फोटो खींचकर अपलोड करते हैं तो गूगल उसे पहचान लेगा. उन्होंने आगे कहा कि हम वॉलंटियर के तौर पर यह काम कर रहे हैं.
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