Irregular periods: इर्रेगुलर मेंस्ट्रुअल साइकिल महिलाओं में होने वाली कॉमन प्रॉब्लम है. कई बार यह समस्या बेहद सामान्य होती है और थोड़ी सावधानी और उपचार से ठीक हो जाती है, लेकिन कई मामलों में यह बेहद गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है. इर्रेगुलर पीरियड को कैसे मिंटेन करें आइए जानते हैं इस खबर में.
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Irregular periods: औरतों में माहवारी का अनियमित हो जाना बहुत आम है. इसके कई कारण होते हैं. ऐसे में इर्रेगुलर पीरियड्स की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. कुछ घरेलू उपाय अपना कर उसे ठीक किया जा सकता है. डॉक्टर स्वेती सिंह ने बताया है कि इर्रेगुलर पीरियड्स कैसे होता है और इसे नार्मल करने के क्या उपाय होते हैं.
एक नार्मल मेंस्ट्रुअल साइकिल आपके पिछले पीरियड के पहले दिन से शुरू होकर अगले पीरियड के पहले दिन तक चलती है. मेंस्ट्रअल साइकिल का वक्त हर महिला के लिए अगल होता है, लेकिन इस साइकिल का एवरेज समय 21 से 35 दिनों के आसपास का होता है.
आमतौर पर महिलाओं में पीरियड्स 14 साल से 50 साल की उम्र के बीच होता है. महिलाओं में कई वजहों से इर्रेगुलर पीरियड्स होते हैं. मेनार्क (पहली माहवार) और मेनोपॉज (माहवारी बंद होना) के वक्त इर्रेगुलर पीरियड्स होते हैं. क्योंकि उस वक्त आपका शरीर बदलाओं को स्वीकार रहा होता है. वहीं इर्रेगुलर मेंस्ट्रुअल होने के चानसेज उन महिलाओं में ज्यादा होते हैं, जिनमें PCOD, एंडोमेट्रियोसिस, पॉलीप, पॉलप्स, थॉयरॉइड की समस्या होती है. गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करने से, गर्म निरोधक गोलियां लेने से, बच्चों को दूध पिलाने से, वजन बढ़ने या घटने की वजह से, डायट में न्यूट्रिशन की कमी होने से और तनाव में भी इर्रेगुलर पीरियड्स होने के चानसेज होते हैं.
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माहवारी में अनियमितता होने के लक्षण शरीर में दिखने लगते हैं. जैसे कि यूटेरस, हाथ-पैर, कमर और स्तन में दर्द, भूख कम लगना, थकान महसूस होना, अकसर कब्ज की शिकायत होना इरेग्लुयर पीरियड्स के लक्षण हैंय. इसलिए हमें इन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए ताकि शुरूआत में ही इसे ठीक किया जा सके.
हर महिला कभी ना कभी अपने जीवन में इरेग्लुयर पीरियड्स का अनुभव करती है. अगर समस्या बड़ी है तो जरूरी है कि आप डॉक्टर को दिखाएं, लेकिन हर बार इसके लिए डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है. आप अपने लाइफस्टाइल में बदलाव और घरेलू उपचार के साथ पीरियड्स साइकल को पटरी पर ला सकते हैं.
इर्रेगुलर पीरियड्स को योगा-एक्सरसाइज करने से, वजन पर ध्यान रखने से, अदरक का सेवन करने से, विटामिन और न्यूट्रीशन से भरी खुराक लेने से ठीक किया जा सकता है. इसके साथ ही साथ अजवाइन, दूध, बादाम, तुलसी, दालचीनी और कच्चा पपीता भी आपके पीरियड्स को रेगुलर करने में मदद कर सकता है.
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