लंग कैंसर एक या दोनों फेफड़ों में अनियमित कोशिकाओं की वृद्धि से होता है. इससे हर साल हज़ारों लोगों की मौत हो जाती है. हालांकि इमेजिंग टेस्टस का उपयोग करके फेफड़ों के कैंसर को आसानी से पकड़ा और इसका निदान किया जा सकता है.
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नई दिल्ली: लंग कैंसर दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है. आंकड़ों के अनुसार भारत में, 2022 में 1.46 मिलियन कैंसर के मामले 2025 तक 1.57 मिलियन होने का अनुमान है. यह अनुमान लगाया गया है कि प्रत्येक 16 व्यक्तियों में से 1 को अपने जीवनकाल में लंग कैंसर से जूझना होगा. इतना ही नहीं प्रोस्टेट कैंसर की तुलना में लंग कैंसर से लगभग तीन गुना अधिक पुरषों की मौत होती है. ब्रैस्ट कैंसर की तुलना में लंग कैंसर से लगभग तीन गुना अधिक महिलाएं मरती हैं.
लंग कैंसर के कारण
लंग कैंसर से होने वाली 80% मौतों के लिए धूम्रपान ज़िम्मेदार माना जाता है. इतना ही नहीं लंग कैंसर से होने वाली 20 % मौतें उन लोगों में होती हैं, जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया है. एक अनुमान के अनुसार साल 2023 में 47,660 गैर-धूम्रपान करने वालों को लंग कैंसर के मामले पाए गए हैं.
लंग कैंसर का दूसरा सबसे बड़ा कारण
रेडॉन गैस के संपर्क में आना लंग कैंसर का दूसरा सबसे बड़ा कारण है. हालाँकि, एस्बेस्टस एक्सपोज़र,वायु प्रदूषण, सेकेंडहैंड धुआं और आर्सेनिक, कैडमियम और क्रोमियम जैसे विशिष्ट धातुओं के संपर्क में आना जैसे इसके और भी कई कारण हो सकते हैं.
लंग कैंसर के लक्षण
लंग कैंसर विभिन्न प्रकार के लक्षण पैदा कर सकता है जो रेस्पिरेटरी सिस्टम में समस्या का संकेत देते हैं. सबसे आम लक्षणों में लगातार खांसी, सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, खांसी के साथ खून आना, थकान, बिना कारण वजन कम होना और बार-बार फेफड़ों में संक्रमण शामिल हैं. ये शुरुआती लक्षण हल्के हो सकते हैं और इन्हें सामान्य श्वसन समस्याओं के रूप में आसानी से खारिज कर दिया जा सकता है. इसलिए लंग कैंसर आसानी से शुरुआती दिनों में पकड़ में नहीं आता है.
लंग कैंसर का निदान
लंग कैंसर के उच्च जोखिम वाले लोगों को हर साल सीटी स्कैन कराने की सलाह दी जाती है . लंग कैंसर की जांच आम तौर पर उन लोगों को प्रदान की जाती है, जिन्होंने कई वर्षों से भारी धूम्रपान किया है या जिन्होंने पिछले 15 वर्षों के भीतर धूम्रपान छोड़ दिया है. वर्तमान में, टेक्नोलॉजी में सुधार के कारण कई आधुनिक टेस्ट्स जैसे Imaging tests, Sputum cytology, Tissue sample (biopsy) मौजूद हैं, जो लंग कैंसर के लक्षण दिखाई देने पर कराये जा सकते हैं. उपलब्ध टेस्ट्स में CT, MRI positron emission tomography (PET) और Bone scan जैसी टेस्ट्स शामिल हैं.