चीन के उत्तर पूर्वी इलाके में वाके लियाओनिंग और बीजिंग में बच्चे तेजी से बीमार पड़ रहे हैं. इस बीमारी के दौरान बच्चों के फेफड़ों में सूजन और तेज बुखार जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, इसके फैलने के खतरे को देखते हुए WHO ने अपनी गाइडलाइन जारी कर दी है. भारत में भी सभी अस्पतालों को सतर्क रहने का आदेश दे दिया गया है.
Trending Photos
अभी कुछ महीनों पहले ही पूरी दुनिया ने कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारी का भयावह रूप देखा है. अभी तो ये भी नहीं कहा जा सकता कि दुनिया ने कोविड-19 से सौ प्रतिशत छुटकारा पा लिया है. इसी बीच चीन में एक नई बिमारी ने अपने पैर पसार दिए हैं. चीन में फैले इस अलग-अलग बुखार को कुछ देश, रहस्यमय यानी mysterious बुला रहे हैं तो वहीं कुछ मेडिकल एक्सपर्ट इसे cocktail of virus का नाम दे रहे हैं. दरअसल, चीन में इस वक्त जो कोई एक वायरस नहीं बल्कि कई वायरस का प्रकोप फैला है.
कौन कौन से वायरस फैले हैं :
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम है RSV यानी respiratory synctical viruses. RSV यानि respiratory synctical viruses एक अपर रेस्पिरेट्री सिस्टम पर हमला करने वाला वायरस है. इसका इन्फेकशन सांस की नली से शुरु होता है. दूसरा Adenovirus, ये कॉमन फ्लू यानी साधारण खांसी जुकाम और बुखार की वजह बनता है. इस लिस्ट में तीसरा नाम है Mycoplasma pneumonia का जोकि एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है. इसे walking pneumonia भी कहते हैं, ये भी droplet infection है यानी खांसने छींकने से फैलने वाली बिमारी. इसके इलाज के लिए antibiotics दवाएं दी जाती हैं .
चीन से आई इस खबर के बाद भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय खास सजग दिख रहा है. इन फैले हुए वायरस की पहचान के लिए ब्लड टेस्ट और कोरोना की तरह नेजल स्वैब का सैंपल लेकर RTPCR TEST किया जा सकता है. स्टार इमेजिंग लैब के निदेशक डॉ समीर भाटी के मुताबिक अभी हर आयु वर्ग के केस आ रहे हैं लेकिन कुछ लोग टेस्ट करवाने में देरी कर देते हैं जिससे तब तक मरीज गंभीर निमोनिया की चपेट में आ जाता है. इससे बचना चाहिए. एक्सपर्ट के मुताबिक भारत में भी दीवाली के बाद से फ्लू के अलग-अलग वायरस, लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, लेकिन उसकी वजह air pollution और सर्दियों का मौसम है. वहीं, पल्मनरी मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. आशीष जायसवाल के मुताबिक चीन से फिलहाल कोई मौत रिपोर्ट नहीं हुई है, लेकिन चीन पर सूचनाएं छिपाने और वायरस को लैब में बनाने के गंभीर आरोप पहले लग चुके हैं, इसलिए भारत को अलर्ट रहना जरूरी है