क्या गाजा से नाराज़ है खुदा? बमबारी के बीच कुदरती आफत ने मचाई अब तबाही
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क्या गाजा से नाराज़ है खुदा? बमबारी के बीच कुदरती आफत ने मचाई अब तबाही

Gaza war: गाजा में इजरायली हमले में अब तक 44 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इससे गाजा में मानवीय संकट पैदा हो गया है. इस बीच प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

क्या गाजा से नाराज़ है खुदा? बमबारी के बीच कुदरती आफत ने मचाई अब तबाही

Gaza war: इन दिनों गाजा के लोग दोहरी मार झेल रहे हैं. एक तरफ इजरायल ने फिलिस्तीनियों का जीना हराम कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ उन्हें प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल गाजा में जारी हिंसा के बीच भारी बारिश ने हर जगह तबाही मचा दी है. बारिश के पानी की वजह से गाजा में 'मानवीय आपदा' जैसी गंभीर समस्या पैदा हो गई है. यहां बाढ़ के जैसे हालात हो गए हैं. इससे विस्थापित लोगों को लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ की सभी रिफ्यूजी कैंप के तंबू क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

रिफ्यूजी कैंप हो गए हैं तबाह
इस बीच गाजा में Civil Defense Authority का कहना है कि बारिश की वजह से यारमौक स्टेडियम शेल्टर कैंप, गाजा नगर पालिका पार्क, बीच कैंप और गाजा शहर के स्कूलों में लगे तंबू क्षतिग्रस्त हो गए हैं. अगर कैंप में विस्थापित लोग इन्हीं हालात में रहे, तो हम एक भयावह मानवीय दृश्य का सामना करेंगे, क्योंकि कई तंबू क्षतिग्रस्त हो गए हैं और लोगों के ठहरने के लिए सही नहीं हैं."

इस वजह से नहीं है पानी की निकासी
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक,सिविल डिफेंस अथॉरिटी ने चिंता जाहिर की कि सर्दियों के शुरू होने के साथ ही हालात और खराब हो सकते हैं. सिविल डिफेंस अथॉरिटी  ने चेतावनी दी कि निचले इलाकों में रहने वाले रहने वाले लोगों को 'मानवीय आपदा' का सामना करना पड़ेगा. वहीं, इजरायल ने गाजा पट्टी में बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है जिसके कारण सीवेज चैनल ब्लॉक हो गए हैं. इस वजह से पानी का निकासी नहीं है.

गाजा के लोग झेल रहे हैं दोहरी मार
सिविल डिफेंस अथॉरिटी के प्रवक्ता महमूद बसल ने उन घरों और इमारतों के ढहने के खतरे की चेतावनी दी, जहां से लोग पलायन कर गए हैं. इन इमारतों में दरारें आ गई हैं. बसल ने अतंरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे गाजा पट्टी में विस्थापित फिलिस्तीनियों की जान बचाएं, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए. उन्हें टेंट और कारवां उपलब्ध कराकर सर्दियों के मौसम की कठिनाइयों से बचाएं. 

गाजा के लोगों ने जान बचाने की लगाई गुहार
वहीं, गाजा शहर के मध्य में अपने परिवार के साथ अस्थायी तंबू में रहने वाले रजब अबू वर्दा ने कहा, "बारिश ने हमारी परेशानी बढ़ा दी है और इस भयावह स्थिति में हमारे लिए स्थिति और भी खराब कर दी है." उन्होंने कहा कि बारिश और हवा ने उनके जीवन को 'असहनीय' बना दिया है.

अब तक 44 हजार से ज्यादा लोगों की मौत
7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था. हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था. इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है. जिसमें कम से कम 44 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.

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