
"फिर नए साल की सरहद पे खड़े हैं हम लोग...", इन शेर-ओ-शायरी के साथ कहें 2020 को अलविदा
कुछ लोग यह भी सोच रहे होंगे कि आने वाले नए साल और गुज़र चुके साल 2020 को कैसे एक साथ रख कर लोगों को नए साल की मुबारकबाद पेश करें. तो ज्यादा सोचिए मत हम आपकी इस परेशानी का हल निकाल चुके हैं. बस आप पढ़िए नीचे दिए गए शेर.
Dec 31, 2020, 02:17 PM IST
Mirza Ghalib के यौमे पैदाइश पर पढ़ें उनके कुछ खास अशआर
Mirza Ghalib जन्म के 223 साल बाद भी Mirza Ghalib हैं. उनकी शायरी के दुनियाभर में करोड़ों लोग हैं.
Dec 27, 2020, 01:18 PM IST
किसी को कांटो से चोट पहुंची, किसी को फूलों ने मार डाला...
दिल्ली के जश्ने इत्तेहाद मुशायरे से उर्दू अदब की दुनिया के दो मशहूर शायर वसीम बरेलवी और इकबाल अशहर का कलाम सुनिए
Oct 11, 2020, 04:56 PM IST
पढ़िए, इस हफ्ते के दस बेहतरीन शेर
ज़ी सलाम सनीचर यानी हफ्ते के रोज़ उर्दू शायरी के खज़ाने से मुंतखब किए हुए 10 शेर शाया करेगा.
Aug 29, 2020, 01:02 PM IST
बुलाती है मगर जाने का नहीं, पढ़ें राहत इंदौरी की एक ऐसी गज़ल जो हर बच्चे की ज़बान पर है
राहत इंदौरी कोशिश किया करते कि उनकी शायरी को हर कोई समझ सके, इसके लिए वो बेहद आसान लफ्ज़ों का इस्तेमाल करते थे. यही वजह है कि उनकी गज़लें नौजवानों ही नहीं बूढ़े, बच्चों की ज़बानों पर भी रवां रहती हैं.
Aug 11, 2020, 06:12 PM IST
...ऐ मौत तूने मुझको ज़मीदार कर दिया.. पढ़िए राहत इंदौरी के 20 बेहतरीन शेर
राहत इंदौरी की मौत अदबी दुनिया के कभी न भरने वाला ज़ख्म साबित होगा. राहत इंदौरी अपने बेबाक अदांज़ और बेहतरीन शायरी के लिए जाने जाते रहे हैं.
Aug 11, 2020, 05:40 PM IST
मशहूर शायर राहत इंदौरी भी कोरोना पॉज़िटिव, लोगों की ये अपील
उर्दू ज़बान के मशहूर-ओ-मारूफ शायर राहत इंदोरी भी कोरोना वायरस का शिकार हो गए हैं. राहत इंदौरी को देर रात इंदौर के ऑरबिंदो अस्पताल में दाखिल कराया गया है. राहत इंदौरी के बेटे सतलज ने यह जानकारी दी है.
Aug 11, 2020, 09:29 AM IST
Jashn-E-Urdu l All India Mushaira l Noida l Zee Salaam
Nawaz Deobandi, Jashn E Urdu, Mushaira, Noida, Zee Salaam Mushaira,
Apr 6, 2020, 12:00 AM IST
Kavi Yudh with Anamika Jain Amber jain: ज़ी सलाम स्पेशल
दिल्ली फसादात पर आम लोगों के दर्द को बयान करते शायर
Mar 24, 2020, 05:20 PM IST
तू माने या ना माने दिलदारा असां ते तनु रब मनया | ताबिश अली
सुनिए तू माने या माने दिलदारा ज़ी सलाम के खाम प्रोग्राम "रंग तरंग" में
Feb 17, 2020, 11:40 AM IST
ज़िंदगी दी है तो जीने का हुनर भी देना, पांव बख्शे हैं तो तौफीके सफर भी देना
ज़िंदगी दी है तो जीने का हुनर भी देना सुनिए ताबिश अली की आवाज़ मे
Feb 16, 2020, 05:20 PM IST
'ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं ... ' जानिए किन हालात में हैं इसके खालिक़ बशीर बद्र
गज़लों का समंदर कहे जाने वाले शायर बशीर बद्र अपनी गज़लों में एहसास और दौरे हालात को पिरोने वाले शायर भी हैं. अपनी शायरी और एक खास लहजे के लिए जाने जाने वाले शायर बशीर बद्र का आज यौमे पैदाइश है
Feb 15, 2020, 06:03 PM IST
कहते हैं कि 'ग़ालिब' का है अंदाज़-ए-बयाँ और ...
उन्नीसवीं सदी के शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की अज़मत का राज़ सिर्फ़ उनका तर्ज़े बयान ही नहीं है बल्कि उनका असल कमाल ये है के वो ज़िंदगी के हक़ायक़ और इंसानी नफ़सियात को गहराई में जाकर समझते थे और बड़ी ही सादगी से अवाम के सामने रख देते
Feb 15, 2020, 04:57 PM IST
मुशायरा वैलेन्टाइन्स डे स्पेशल : तन्हाई मे जब जब तेरी यादो से मिला हूं..
तन्हाई मे जब जब तेरी यादो से मिला हूं..महसूस हुआ है कि तुझे देख रहा हूं..ऐसा भी नहीं है कि तुझे याद करूं मैं ऐसा भी नहीं है कि तुझे भूल गया हूं..
Feb 13, 2020, 08:45 PM IST
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है...
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है..ऐसी तन्हाई को मर जाने को जी चाहता है..पहले तालीम से तुम मोड़ दिए जाओगे..फिर किसी ज़ुर्म से तुम जोड़ दिए जाओगे..हाथ से हाथ की जंजीर बना कर निकलो..वरना धागे की तरह तोड़ दिए जाओगे
Feb 13, 2020, 07:20 PM IST
मुशायरा : चुपके चुपके रोता है कोई रातों की तन्हाई में
फूलों पर शबनम की बूंदे देखकर ये महसूस किया चुपके चुपके रोता है कोई रातों की तन्हाई में
Feb 13, 2020, 07:20 PM IST
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है...
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है..ऐसी तन्हाई को मर जाने को जी चाहता है..पहले तालीम से तुम मोड़ दिए जाओगे..फिर किसी ज़ुर्म से तुम जोड़ दिए जाओगे..हाथ से हाथ की जंजीर बना कर निकलो..वरना धागे की तरह तोड़ दिए जाओगे
Feb 13, 2020, 07:15 PM IST
जानिए क्यों लिखा मुनव्वर राना ने "मुहाजिरनामा" और क्या था उनका मक़सद
कुछ लोग पाकिस्तान से हिंदुस्तान आ रहे था और कुछ लोग हिंदुस्तान से पाकिस्तान जा रहे थे जिनको यह ग़फलत थी कि हमारा मुस्तकबिल हिंदुस्तान में तारीक के सिवा कुछ भी नहीं वो अपने इस मुल्क को छोड़ पाकिस्तान चले गये और उन्हें ऐसा लग रहा था कि हमें पाकिस्तान मे ज़्यादा इज्ज़त मिलेगी और हिंदुस्तान अब हमारा मुल्क नहीं रहा.
Jan 21, 2020, 01:47 PM IST