Karnataka HC Judge Controversy: कर्नाटक हाईकोर्ट के एक जज का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें उन्होंने मुस्लिम इलाके को लेकर ऐसी टिप्पणी की है कि सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है. जज ने ऐसा क्या कहा जिससे पूरे देश में नया विवाद खड़ा हो गया है. जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें.
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Karnataka HC Judge Controversy: कर्नाटक हाईकोर्ट के एक जज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें जस्टिस वेदव्यासचर ने श्रीशानंद केस की सुनवाई के दौरान मुस्लिम बहुल इलाकों को लेकर कुछ ऐसा कहा, जिसके बाद जज की हर तरफ आलोचना हो रही है. जज ने सुनवाई को दरौन क्या कहा था, जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें.
जज ने पाकिस्तान का क्यों किया जिक्र
दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीश वेदव्यासचर श्रीशानंद एक मामले की सुनवाई कर रहे थे, तभी उन्होंने मुस्लिम बहुल इलाके पाकिस्तान कहकर संबोधित किया. एक मामले का जिक्र करते हुए जस्टिस वी. श्रीशानंद ने कहा, "एक ऑटो रिक्शा में 13, 14, 15 स्टूडेंट बैठते हैं.' उन्होंने हाल ही में हुए एक वैन हादसे की भी चर्चा की, लेकिन फिर भी बस खचाखच भरी हुई है. उस हादसे में एक बच्चे की मौत हो गई.जज ने निराशा जताते हुए कहा, 'कोई कार्रवाई नहीं की गई. पुलिस निष्क्रिय है."
मैसूर रोड फ्लाईओवर की तरफ जाने वाले ट्रैफिक के बारे में हाईकोर्ट के जज ने आगे कहा, "आप मैसूर रोड फ्लाईओवर की तरफ जाइए. हर ऑटो रिक्शा में 10 लोग होते हैं. यह (नियम) लागू नहीं होता, क्योंकि मैसूर फ्लाईओवर के माध्यम से गोरी पाल्या से बाजार तक की सड़क पाकिस्तान में है, भारत में नहीं. यह हकीकत है. आप चाहे कितना भी सख्त पुलिस अधिकारी वहां रखें, उसे वहां पीटा ही जाएगा."
किस मामले पर जज ने की टिप्पणी
जज ने यह टिप्पणी 28 अगस्त को की, जब वह रेंट कंट्रोल एक्ट से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे थे, उसी समय उन्होंने यह टिप्पणी की. हाईकोर्ट के न्यायाधीश लीज एग्रीमेंट और एक्ट की धारा 27 (2) (ओ) के तहत जमीन मालिक की शक्तियों पर चर्चा कर रहे थे. सुनवाई के पूरे वीडियो में दिखा कि कोर्ट ने रेंट कंट्रोल एक्ट और मोटर व्हीकल एक्ट समेत कई कानूनों में कुछ जरूरी संशोधनों पर चर्चा की.
जज की हो रही है आलोचना
जज के इस बयान से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. कुछ लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं तो कुछ लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि न्यायपालिका में बैठों लोगों को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. क्योंकि ऐसे बयान से एक समुदाय के प्रति आम जनता में एक गलत धारणा बन जाएगी. वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि यह बेहद एक गंभीर विषय है.