जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में आरोपी और लोकसभा MP इंजीनियर राशिद को मिली जमानत
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जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में आरोपी और लोकसभा MP इंजीनियर राशिद को मिली जमानत

Engineer Rasheed Bail: जम्मू-कश्मीर के लोकसभा सांसद इंजीनियर रसीद को जमानत मिल गई है. वह लंबे समय से जेल में बंद है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आज यानी 10 सितंबर को राशिद को जमानत दे दी. 

 

जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में आरोपी और लोकसभा MP इंजीनियर राशिद को मिली जमानत

Engineer Rasheed Bail: जम्मू-कश्मीर के लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद को जमानत मिल गई है. वह लंबे समय से जेल में बंद है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आज यानी 10 सितंबर को राशिद को जमानत दे दी. उन्हें जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए जमानत दी गई है.

राशिद के भाई लड़ रहे हैं चुनाव
इंजीनियर राशिद बारामुल्ला लोकसभा से निर्दलीय सांसद हैं. उनके भाई खुर्शीद अहमद 2024 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा इलेक्शन में उत्तरी कश्मीर की लंगेट सीट से आवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के कैंडिडेट के तौर पर इलेक्शन लड़ रहे हैं. उमर अब्दुल्ला के खिलाफ लोकसभा इलेक्शन जीतने से पहले इंजीनियर राशिद इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं.

कोर्ट ने रख लिया था सुरक्षित फैसला
गौरतलब है कि एडिशनल सेशन जज चंदर जीत सिंह ने 28 अगस्त को बंद कमरे में जमानत याचिका पर दलीलें सुनने के बाद मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने इससे पहले 5 जुलाई को राशिद को जम्मू-कश्मीर के बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा इलेक्शन जीतने के बाद शपथ लेने के लिए हिरासत में पैरोल दी थी.

इस मामले में राशिद को किया गया था गिरफ्तार
इंजीनियर राशिद को साल 2017 में आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए ने गिरफ्तार किया था. राशिद साल 2019 से जेल में बंद हैं. कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान राशिद का नाम इस मामले में सामने आया था. उन्हें कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित तौर पर फंडिंग करने के आरोप में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

इस मामले में यासीन मलिक को हो चुकी है सजा
वहीं, इस मामले में एनआईए ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद सभी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए गए थे. जिसमें यासीन मलिक दोषी पाए गए थे. जिसके बाद साल 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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