बिहार के लोकसभा सांसद मोहम्मद जावेद ने क्यों कहा, भारत में मुगल और मुसलमान नहीं होते, तो BJP का नहीं खुलता खाता
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बिहार के लोकसभा सांसद मोहम्मद जावेद ने क्यों कहा, भारत में मुगल और मुसलमान नहीं होते, तो BJP का नहीं खुलता खाता

Congress MP Mohammad Jawed: कांग्रेस के लोकसभा सांसद मोहम्मद जावेद ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा है और कई बड़े इल्जाम लगाए हैं. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

बिहार के लोकसभा सांसद मोहम्मद जावेद ने क्यों कहा, भारत में मुगल और मुसलमान नहीं होते, तो BJP का नहीं खुलता खाता

Congress MP Mohammad Jawed: बिहार के किशनगंज से लोकसभा सांसद मोहम्मद जावेद ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने और भेदभाव की नीति अपनाने का भी आरोप लगाया है. केंद्र सरकार पर इल्जाम लगाते हुए कहा, "अगर मुल्क में मुसलमान नहीं होते, तो बीजेपी का खाता नहीं खुलता.

किशनगंज सांसद ने लोकसभा में साल 2024-25 के लिए एजुकेशन मिनिस्ट्री के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए यह भी कहा, "मुगल भारत में 300 साल तक रहे थे, ऐसे में इस सरकार के मिटाने से इतिहास से नहीं मिटने वाले हैं. ऐसे में सरकार को किसी से भी भेदभाव नहीं करना चाहिए."

अचानक बांग्लादेश पर क्यों छिड़ गई बहस
उन्होंने बीजेपी पर भेदभाव का इल्जाम लगाते हुए कहा, "बीजेपी मुस्लिम विरोधी, स्टूडेंट विरोधी, गरीब विरोधी और दलित विरोधी भावना जगाकर राज कर रही है, अगर भारत में मुसलमान नहीं होते, तो बीजेपी का खाता नहीं खुलता." इस बीच एक बीजेपी सांसद ने उनको टोका बांग्लादेश जाने को कहा, तो उन्होंने कहा, "यह बांग्लादेश की बहुत बार करते हैं. वहां की जीडीपी हमसे बेहतर है, अब कहते हैं कि बांग्लादेश चले जाओं."

मुगल को लेकर ये क्या बोल गए सांसद
इसके बाद मोहम्मद जावेद ने बीजेपी पर जमकर कटाक्ष करते हुए कहा, "देश की एजुकेशन सिस्टम को बेहतर करें. मुगलों का नाम हटा देने से कुछ नहीं होने वाला है, मुगल 330 साल रहे. आपके हटाने से (इतिहास से) नहीं हटेंगे. शिक्षा किसी समाज का आधार होती है, लेकिन मोदी सरकार एजुकेशन की बुनियाद को बर्बाद कर रही है."

शिक्षा को लेकर किया ये सवाल
किशनगंज सांसद ने कहा, "कांग्रेस के वक्त में एजुकेशन के लिए आवंटन जीडीपी का 3.36 फीसद था, लेकिन मोदी सरकार में यह 2.9 फीसद हो गया. शिक्षकों की रिक्तियां बड़ी संख्या में हैं और यह स्थिति रहेगी, तो फिर पढ़ाई कैसे होगी. उन्होंने दावा किया कि पिछले 8 सालों में 78 हजार सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए, जिनमें गरीब बच्चे पढ़ते हैं."

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