साल 2024 को खत्म होने में बस कुछ दिन ही बाकी रह गए हैं. नया साल नई ताजगी और नई शुरुआत के साथ दस्तक देने को तैयार है. हालांकि, कई गम हैं, जो कभी भर नहीं पाएंगे.
साल 2024 को खत्म होने में बस कुछ दिन ही बाकी रह गए हैं. नया साल नई ताजगी और नई शुरुआत के साथ दस्तक देने को तैयार है. हालांकि, कई गम हैं, जो कभी भर नहीं पाएंगे. इस साल देश और दुनियाभर में कई मुस्लिम जगत की कई हस्तियों ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. इस लिस्ट में जाकिर हुसैन से लेकर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी तक का नाम शामिल है. जिन्हें हमने नम आंखों से अलविदा कहा.
दुनिया को अलविदा कहने वाले सितारों की लिस्ट में तबला के महान कलाकार और 'उस्ताद' जाकिर हुसैन का नाम शामिल है. वह फेफड़े की खतरनाक बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से जंग लड़ रहे थे. जाकिर हुसैन जिंदगी की जंग हार गए और 15 दिसंबर को उन्होंने आखिरी सांस ली. उस्ताद 73 साल की उम्र में इस दुनिया से चले गए.
भारतीय शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान का 55 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. उनका इंतकाल 9 जनवरी 2024 को हुआ था. वह कैंसर से जिंदगी की जंग हार गए. उनका इलाज कोलकाता के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था.
ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत किसे याद नहीं है? उनकी मौत एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई थी. 19 मई 2024 को घने कोहरे के कारण हेलीकॉप्टर एक पहाड़ से टकरा गया था. जिसमें उनके साथ 8 लोगों की मौत हो गई थी. मौत की खबर सुनते ही ईरान समेत कई मुस्लिम देशों में शोक की लहर फैल गई थी. क्योंकि रईसी ईरान के सबसे मजबूत लीडर थे.
19 मई 2024 को अज़रबैजान से ईरान वापस आ रहे हेलिकॉप्टर के अज़रबैजान-ईरानी सीमा के पास क्रैस हो गया. इसमें इब्राहिम रईसी और पूर्व विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ 9 लोग मौजूद थे. इस हादसे में सभी लोगों की मौत हो गई थी.इससे ईरान समेत कई मुस्लिम देशों में शोक की लहर दौड़ गई थी. क्योंकि होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन क्षेत्रीय तनाव और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के महत्वपूर्ण दौर में ईरान की विदेश नीति को आकार देने में महत्वपूर्ण व्यक्ति थे.
देश-दुनिया के मशहूर शायर मुनव्वर राना का 14 जनवरी 2024 को इंतकाल हो गया था. दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें लखनऊ पीजीआई में भर्ती कराया गया था. जहां उन्होंने आखिरी सांस ली. हालांकि, वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
बॉलीवुड के साथ-साथ देश सियासत में भी मजबूत पकड़ रखने वाले महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी अजित गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की 13 अक्तूबर 2024 को बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. बाबा सिद्दीकी जब अपने विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे थे, उसी समय गुंडों ने उन्हें गोली मार दी.
कमरुद्दीन अहमद गोरखपुरी एक भारतीय मुस्लिम विद्वान, हदीस प्रोफेसर और शेख थे. उनका जन्म 2 फरवरी 1938 को हुआ था. वे 1966 से दारुल उलूम देवबंद में शिक्षक के रूप में तैनात थे. 22 दिसंबर 2024 को उनका इंतकाल हो गया. उन्होंने अपनी मृत्यु तक दारुल उलूम देवबंद में सेवा की है. वह लंबे वक्त से बीमार थे.
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