Waqf Amendment Bill: वक्फ अमेंडमेट बिल पर बयान देकर टीडीपी ने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है. टीडीपी के उपाध्यक्ष नवाब जान वक्फ अमेंडमेंट बिल पर चिंता जताते हुए कहा कि यह बिल मुसलमानों के दिलों में दर्द पैदा कर रहा है.
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Waqf Amendment Bill: वक्फ अमेंडमेट बिल को लेकर देशभर में सियासी घमासान जारी है. एनडीए गठबंधन में शामिल ज्यादातर सियासी पार्टियां इसे मुसलमानों के लिए बेहतर बता रहे हैं, तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं. इनमें से एनडीए के सबसे अहम घटक दलों में से एक तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है.
तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने रविवार को वक्फ अमेंडमेंट बिल को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि यह बिल मुसलमानों के दिलों में दर्द पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि सीएम चंद्रबाबू नायडू के कहने पर ही वक्फ अमेंडमेट बिल को लेकर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) का गठन किया गया है.
नवाब जान ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू के मुताबिक, इस बिल को लेकर सभी का राय मशविरा लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस मुद्दे पर राय मशविरा चल रहा है और चंद्रबाबू नायडू ने सभी से सर्वे करने का आग्रह किया है. उनका मानना है कि यह जरूरी है कि इस मसले पर सभी पक्षों की बात सुनी जाए.
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BJP का क्या होगा अगला स्टैंड?
इससे पहले नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने कहा था कि वक्फ अमेंडमेंट बिल को नाकाम करने के लिए हमें आगे बढ़ना है. भारत की बदकिस्मती है कि पिछले 10-12 सालों में यहां ऐसी घटनाएं हुईं, जो नहीं होनी चाहिए थीं. हमारे चंद्रबाबू नायडू एक सेकुलर सोच वाले नेता हैं. उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि जिस मजहब का जो भी बोर्ड है, उसमें उसी मजहब के लोग होने चाहिए. हम इस वक्फ अमेंडमेंट बिल को लागू नहीं होने देंगे. टीडीपी उपाध्यक्ष के इस बयान के बाद से सियासी गलियारों में ये चर्चाएं होने लगी है कि भाजपा का अब इस पर क्या स्टैंड होगा? कहा जा रहा था कि संसद के अगले सेशन में सरकार इसे सदन में पेश करेगा.
मुस्लिम संगठनों का विरोध जारी
बता दें कि इस बिल को हाल ही में लोकसभा में संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया था. इस बिल के पेश होने पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया था. इसके बाद इस अमेंडमेंट बिल के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जगदंबिका पाल के नेतृत्व में जेपीसी का गठन किया और सरकार ने इस बिल पर देश के लोगों से राय भी मांगी. हालांकि, इस बिल के खिलाफ मुस्लिम संगठन ने लगातार आवाज उठा रहे हैं.