पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री अब्बासी ने बनाई नई सियासी पार्टी; यह है मकसद
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री अब्बासी ने बनाई नई सियासी पार्टी; यह है मकसद

Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने एक नई पार्टी बनाई है. इस पार्टी का नारा है 'बदलेंगे निजाम'. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री अब्बासी ने बनाई नई सियासी पार्टी; यह है मकसद

Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने निजाम में बदलाव और देश के संविधान के लिए सम्मान बहाल करने के मिशन के साथ शनिवार को आधिकारिक रूप से एक नई सियासी पार्टी बनाई. 'अवाम पाकिस्तान' पार्टी नाम की इस पार्टी का अहम नारा ‘बदलेंगे निजाम’ है. देश की तरक्की में योगदान देने वाला कोई भी शख्स इसकी सदस्यता ले सकता है. 

पाक प्रधानमंत्री थे अब्बासी
अब्बासी (65) अगस्त 2017 से मई 2018 तक प्रधानमंत्री रहे थे, जब सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित कर दिया था. रावलपिंडी के मशहूर पहाड़ी इलाके मरी से ताल्लुक रखने वाले अब्बासी ने 2018 के बाद नीतिगत असहमति की वजह से पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (PML-N) से दूरी बना ली थी और 2022 में सरकार का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था. 

सियासी सफर
अब्बासी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के उपराष्ट्रपति थे. वह पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के जेनेरल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं. वह अक्टूबर 2018 से अगस्त 2023 तक पाकिस्तान नेशनल असेंबली के सदस्य रह चुके हैं. अब्बासी ने अपने वालिद की मौत के बाद साल 1988 से अपने सियासी सफर की शुरूआत की. तब अब तक वह 6 बार नेशनल असेंबली के लिए चुने गए.

पाकिस्तान की व्यवस्था चरमराई
अब्बासी ने पार्टी के स्थापना के मौके पर एक प्रोग्राम को खिताब करते हुए कहा कि शासन, पुलिस और राजस्व प्रणाली समेत देश का पूरा निजाम हिल गया है. उन्होंने कहा, "अगर शक्तियां जिला स्तर पर हस्तांतरित नहीं की गईं, तो यह प्रणाली आगे नहीं बढ़ सकती." उन्होंने कहा, "संविधान का पालन किए बिना देश नहीं चल सकता. यह पार्टी पाकिस्तान के संविधान और संसदीय लोकतंत्र में मजबूती से निहित है, इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है. विडंबना यह है कि संविधान की रक्षा करने की शपथ लेने वाले हर दिन इसे तोड़ रहे हैं. 24 करोड़ लोगों का देश ऐसे कैसे चल सकता है?"

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