इजरायल-गाजा मामले पर सऊदी ने UNSC को सुनाई खरी खोटी, बताया- गाजा में इंसानी तबाही
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इजरायल-गाजा मामले पर सऊदी ने UNSC को सुनाई खरी खोटी, बताया- गाजा में इंसानी तबाही

गाजा पर लगातार हो रहे हमलों और उसकी हालत बदतर होने के लिए सऊदी ने UNSC को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने मांग की अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गाजा में हो रहे अत्याचार को खत्म कराना चाहिए.

इजरायल-गाजा मामले पर सऊदी ने UNSC को सुनाई खरी खोटी, बताया- गाजा में इंसानी तबाही

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने शनिवार को कहा कि गाजा में इंसानी तबाही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की नाकामी को उजागर करती है. सऊदी गजट ने रियाद में अरब-इस्लामिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए क्राउन प्रिंस के हवाले से कहा, "गाजा में यह मानवीय आपदा सुरक्षा परिषद की नाकामी को उजागर करती है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इजरायल की तरफ से हो रहे नियमों के उल्लंघन को खत्‍म करवाना चाहिए."

सऊदी ने सुरक्षा के लिए किया काम

मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब ने गाजा पट्टी में नागरिकों की सुरक्षा के लिए मौजूदा घटनाओं की शुरुआत से ही लगातार प्रयास किए हैं. बैठक के दौरान उन्होंने कहा, "सऊदी अरब ने युद्ध रोकने के लिए दुनिया के प्रभावी देशों के साथ परामर्श और समन्वय जारी रखा है."

पूर्वी येरुशलम पर स्वतंत्र राज्य स्थापित करना जरूरी

उन्होंने कहा कि गाजा में सुरक्षा, शांति और स्थिरता हासिल करने का एकमात्र रास्ता कब्जे, घेराबंदी और निपटान को खत्‍म करना और फिलिस्तीनी लोगों के वैध अधिकार सुनिश्चित करना है. सऊदी गजट की रिपोर्ट के मुताबिक, क्राउन प्रिंस ने नेताओं से कहा, "पूर्वी येरुशलम को अपनी राजधानी बनाकर अपना स्वतंत्र राज्य स्थापित करना जरूरी है." उन्होंने गाजा निवासियों पर जारी हमलों और जबरन विस्थापन को भी साफ तौर से खारिज कर दिया है. 

11 हजार फिलिस्तीनियों की मौत

उन्होंने कहा, "हम फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ अपराधों के लिए कब्जे वाले अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हैं. गाजा में मानवीय गलियारे तुरंत खोले जाने चाहिए." सऊदी अरब गाजा की स्थिति पर चर्चा के लिए एक संयुक्त अरब-इस्लामिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. 7 अक्टूबर को हमास द्वारा सीमा पार से किए गए हमले के बाद से इजरायल ने गाजा पर अस्पतालों, आवासों और पूजा घरों सहित लगातार हवाई और जमीनी हमले शुरू कर दिए हैं. कम से कम 11,078 फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें 4,506 बच्चे और 3,027 महिलाएं शामिल हैं.

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