Saudi Peace Talks: रूस और युक्रेन युद्ध को एक साल से ज्यादा हो गए हैं. पिछले साल 24 फरवरी के दिन से दोनों देशों के बीज भीषण जंग शुरू हुई थी. दोनों देश पीछे हटने को राजी नहीं हैं. सऊदी अरब के मेजबानी में शांति शिखर की बैठक हुई. इस बैठक में NSA अजित डोभाल ने रूस-युक्रेन युद्ध पर भारत का रुख साफ किया.
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Saudi Peace Talks: रूस और युक्रेन युद्ध चल रहे युद्ध को लेकर सऊदी अरब के जेद्दा में NSA अजित डोभाल और अन्य अधिकारियों का एक शांति शिखर बैठक हुई. यह बैठक सऊदी के मेजबानी में हुई है. इस बैठक में लगभग 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इंडिया की तरफ से NSA अजित डोभाल शामिल हुए. बैठक के दौरान अजित डोभाल ने बताया कि भारत ने रूस और युक्रेन युद्ध की शुरूआत के बाद से नियमित रूप से रूस और युक्रेन दोनों के साथ वकालत की है.
इस बैठक में अजीत डोभाल ने कहा, "भारत यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था का समर्थन करता है. क्षेत्रीय संप्रभुता और अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए. चूंकि युद्ध में रूस को बातचीत में शामिल नहीं किया गया. अजीत डोभाल ने कहा कि मसले का हल निकालने के लिए सभी हितधारकों को शामिल कर शांति की कोशिशों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए. इसी भावना के साथ भारत ने मीटिंग में हिस्सा लिया है. भारत हमेशा से बातचीत और कूटनीति को तरजीह देता रहा है और आगे भी देगा. यही शांति के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता भी है."
आगे उन्होंने कहा, "कुछ पीस प्लान भी सामने आए हैं. लेकिन इससे दोनों पक्ष संतुष्ट नहीं है. मसलन, चीन और हाल ही अफ्रीकी नेताओं ने व्लादिमिर पुतिन को एक शांति प्रस्ताव सौंपा था. इसपर पुतिन ने भी हामी भरी और कहा कि शांति पर बातचीत का एक आधार बनाया जा सकता है. अफ्रीकी नेताओं ने मांग की कि पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट को खारिज किया जाना चाहिए. कब्जे वाले क्षेत्रों पर रूस के कब्जे को मान्यता देने की बात कही. इससे यूक्रेन सहमत नहीं है. पुतिन ने चीनी प्रस्ताव पर सहमति दी थी."
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