उत्तर प्रदेश के बहराइच में मोहर्रम के जुलूस के दौरान राष्ट्र ध्वज का अपमान करने के आरोप में मंगलवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. आईये, जानते हैं कि क्या करने से हो जाता है राष्ट्र ध्वज का अपमान?
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बहराइचः बहराइच जिले के पयागपुर थाना इलाके में मोहर्रम के जुलूस के दौरान राष्ट्रध्वज का अपमान करने के इल्जाम में पुलिस ने मंगलवार को पांच अभियुक्त को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, 26 जुलाई को पयागपुर थाना क्षेत्र के हसुआपारा गांव में मोहर्रम की सातवीं तारीख को निकाले जा रहे जुलूस के दौरान कुछ लोग चांद-तारा बना राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहे थे. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. मंगलवार को पुलिस ने इस मामले में पयागपुर थाना के हसुआ पारा गांव के निवासी ईशा हाफिज, ताहिर, मुस्लिम, सिकंदर और शहंशाह को राष्ट्र गौरव अपमान निवारण कानून, 1971 के तहत गिरफ्तार किया है.
क्या है कानून
गौरतलब है कि तिरंगे को सम्मान देने के लिए बाजाब्ता एक कानून बना है, और इस कानून का किसी तरह से उल्लंघन होने पर सख्त सजा का प्रावधान किया गया है. इस कानून का नाम राष्ट्र-गौरव अपमान-निवारण कानून, 1971 है. यह पूरे देश में लागू होता है.
ये करने से होता है तिरंगे का अपमान
कानून के मुताबिक जो कोई भी भारत के राष्ट्र ध्वज और देश के संविधान को या उसके किसी हिस्से को जलाएगा, उसे बिगाड़ेगा, गंदा करेगा, किसी तरह अपवित्र करेगा, विद्रूप करेगा, नष्ट करेगा या रौंदेगा या उसके प्रति अनादर प्रकट करेगा या उसका लिख-बोलकर किसी तरह अपमान करेगा, वह तीन साल तक जेल, जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा.
राष्ट्र ध्वज के प्रति अनादर का मतलब राष्ट्र ध्वज का घोर अपमान या तिरस्कार करना होता है, जिसमें किसी व्यक्ति या किसी वस्तु के अभिवादन में राष्ट्र ध्वज को झुकाना भी शामिल होता है. हालांकि, सरकार किसी अवसर पर इसे झुका हुआ फहरा सकती है. सरकार राज्य अंत्येष्टियों या सशस्त्र बलों या अन्य पैरा सैन्य बलों की अंत्येष्टियों के समय इसे झुका सकती है. किसी वेशभूषा या वर्दी में इसे व्यक्ति की कमर से नीचे नहीं पहना जा सकता है. कुशनों, रुमालों, नैपकिनों, अधोवस्त्रों या किसी पोशाक पर कशीदाकारी या छपाई करके इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है. राष्ट्र ध्वज पर कोई चीज नहीं लिखा जा सकता है.
गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस सहित किसी विशेष अवसरों पर समारोहों राष्ट्र ध्वज फहराने से पूर्व इसमें फूलों की पंखुड़ियों के सिवाय इसका कोई भी अनुचित इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. इसमें कोई सामान लेने-देने का काम नहीं किया जा सकता है. राष्ट्र ध्वज का इस्तेमाल किसी प्रतिमा या स्मारक या वक्ता की डैस्क या वक्ता के मंच को ढकने के लिए नहीं किया जा सकता है. राष्ट्र ध्वज को जमीन या भूतल को स्पर्श करने देना या पानी में घसीटते हुए ले जाना भी अपराध है. किसी यान, रेलगाड़ी, नाव या जहाज या ऐसी ही किसी अन्य वस्तु के छत्रक, शिखर और पार्श्व भागों या पृष्ठ के हिस्से को राष्ट्र ध्वज से नहीं ढका जा सकता है. राष्ट्र ध्वज का प्रयोग किसी भवन को ढकने के लिए भी नहीं किया जा सकता है. राष्ट्र ध्वज के केसरिया रंग का नीचे की तरफ प्रदर्शन करना या उल्टा फहराना भी इसका अपमान माना जाता है.
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