एक मुस्लिम जोड़े ने हिंदू की बेटी के साथ कुछ ऐसा किया देखने वाले रह गए दंग
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एक मुस्लिम जोड़े ने हिंदू की बेटी के साथ कुछ ऐसा किया देखने वाले रह गए दंग

मुस्लिम कुनबे ने गोद ली हुई एक हिन्दू बेटी की शादी उसकी अकीदत के मुताबिक धूम-धाम से करायी

 

एक मुस्लिम जोड़े ने हिंदू की बेटी के साथ कुछ ऐसा किया देखने वाले रह गए दंग

तिरुवनंतपुरम : कोई पूजे पत्थर को, कोई सजदे में अपना सर झुकाते है..ये एक ही है बस कुछ इसे पूजा, तो कुछ इसे अपना ईमान कहते है..एक ही रिवाज़, एक ही रसम, बस कुछ अंदाज़ बदल जाते है. केरल से एक ऐसी ही एक ख़बर सामने आई.केरल के अलापुझा में एक मस्जिद में हिंदू जोड़े की शादी के बाद मुस्लिम कुनबे की जानिब से कराई गई हिन्दु बेटी की शादी इनदिनों खूब सुर्खियां बटोर रही हैं.रियासत के कासरगोड जिले में एक मुस्लिम कुनबे ने गोद ली हुई हिन्दू बेटी की शादी उसके अकीदे के मुताबिक एक मंदिर में करा कर आपसी भाई चारे की मिशाल पेश की है.

केरल के इस मुस्लिम जोड़े ने राजेश्वरी के वालिदैन की मौत के बाद उसको गोद लेकर पाला पोसा.मुस्लिम जोड़े अब्दुल्ला और ख़दीजा ने उसे पांच-छ साल की उम्र में ही गोद ले लिया था..कुछ वक्त पहले 22 साल की राजेश्‍वरी को विष्‍णु नाम के एक लड़के से शादी की तजवीज मिली। तो उसने भी वालदैन की जिम्मेदारी निभा रहे अब्दुल्लाह और ख़दीजा की मंजूरी लेनी बेहतर समझी.गोंद ली हुई बेटी की आंखों में बसी खुशी को महसूस करते हुए मुस्लिम कुनबें ने इसकी मंजूरी दे दी

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दोनों कुनबे के बीच शादी तय होने के बाद लड़के वालों ने मंदिर में शादी करने के लिए जोर दिया। इसके लिए कन्हंगड़ के भगवती मंदिर का इंतेखाब किया गया. जहां सभी मजहब के सैंकड़ों लोगों की मौजूदगी में अब्दुल्लाह और खदीजा ने उसे दर्द के साथ विदा किया.सोशल मीडिया पर अब्दुल्ला और खदीजा की जमकर तारीफें हो रही हैं..कई यूजर्स ने इस जानकारी को शेयर करते हुए लिखा कि जो इस कुनबे ने किया वो इंसानियत की मिसाल है 

आज के दौर में हिन्दू-मुस्लिम पर लड़ने वालों को अब्दुल्ला और ख़दीजा ने मिसाल पेश की है.मज़हब को दूर कर एक इंसानियत को देखते हुए कैसे एक पांच साल की बच्ची के मजहब का पूरे कुनबे ने ख्याल रखा. इससे पहले पिछले महीने केरल के ही अलापुझा की मस्जिद में एक हिन्दू जोड़े ने शादी के सात फेरे लिए थे। मस्जिद कमेटी के खर्च पर हुई इस शादी के दौरान भी हिन्दू अकीदे का पुरा ख्याल रखा गया.केरल की ये तस्वीरे आज के सियासतदांनों के लिए भी एक सबक है जो अपने सियासी मफाद के लिए भगवानों तक को बांटते नजर आ रहे.

मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है, हैं दोनों इंसान, ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ ले कुरान,

अपने तो दिल में है दोस्त, बस एक ही अरमान, एक थाली में खाना खाये सारा हिन्दुस्तान।

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