Ajmer Urs : मशहूर सूफी संत हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का सालाना उर्स अक़ीदत व एहतेराम के साथ मनाया जा रहा है.आज हुई छोटे क़ुल की रस्म में बड़ी तादाद में ज़ायरीन ने शिरकत की.
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Ajmer Urs 2023: मशहूर सूफी संत हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का सालाना उर्स अक़ीदत व एहतेराम के साथ मनाया जा रहा है. उर्स में शिरकत करने के लिए देश-विदेश से हज़ारों की तादाद में अक़ीदतमंदों ने दरगाह में हाज़िरी दी. हज़रत मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में ज़ियारत के लिए देश के कोने-कोने से लाखों अक़ीदतमंद अजमेर में हैं. दरगाह में अक़ीदतमंदों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. दरगाह परिसर ज़ायरीन से पूरी तरह भरा हुआ है. रात से ही बड़ी संख्या में ज़ियारत के लिए अक़ीदमंदों का आने.जाने का सिलसिला शुरू हो गया था.
छोटे कुल की रस्म अदा की गई
ज़ायरीन ने छोटे क़ुल की रस्म के तहत दरगाह को केवड़े और गुलाब जल से धोया. दरगाह की दीवारों पर केवड़े और गुलाब जल का छिड़काव करने के बाद ज़ायरीन दीवारों से टपकते पानी को बोतलों में भरकर साथ ले गए.
ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स पर ज़ियारत के लिए अक़ीदतमंदों की भीड़ जुट रही है. आज छोटे कुल की रस्म अदा की गई. ऐसे में ज़ायरीन ने गुलाब जल और केवड़े से दरगाह को गुस्ल दिया गया.इस दौरान देश और दुनिया से पहुंचे ज़ायरीन की भीड़ को संभालना पुलिस प्रशासन के लिए भी चुनौती बन गया है. दरगाह के सभी दरवाजों से हज़ारों की तादाद में अक़ीदतमंद हाज़िरी दे रहे हैं.
1 फरवरी को बड़े क़ुल की रस्म
रजब की 9 तारीख़ यानि 1 फरवरी को बड़े क़ुल की रस्म अदा की जाएगी. इस अहम रसूमात में हज़ारों लोग शिरकत करेंगे. उर्स के मौक़े पर देश में अमन, चैन और आपसी भाईचारे की दुआ की गई. बता दें कि उर्स में शिरकत करने और ज़ियारत के लिए पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से 500 अक़ीदतमंदों ने दरगाह में हाज़िरी दी.वहीं पाकिस्तान से आए ज़ायरीन भी उर्स में शिरकत करने आए हैं. विदेशी जत्थे की हिफाज़त के लिए ठोस क़दम उठाए गए हैं.
Report By Ashok Bhati
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