All India Ulama Board on interfaith marriage: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक सकारात्मक पहल है.
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भोपाल: अखिल भारतीय उलेमा बोर्ड की मध्य प्रदेश शाखा ने काजियों से कहा है कि वे निकाह के बाद किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए लड़का-लड़की के माता-पिता की सहमति के बाद ही अंतरधार्मिक विवाह करायें. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक सकारात्मक पहल है.
उलेमा बोर्ड की मध्य प्रदेश शाखा के अध्यक्ष काजी सैयद अनस अली नदवी ने मंगलवार को कहा, ‘‘ हमने सभी काजियों से अपील करते हुए पत्र लिखे हैं कि अगर कोई अंतरधार्मिक जोड़ा माता-पिता की सहमति के बिना या केवल धर्म परिवर्तन के लिए शादी के लिए आता है तो उन्हें ऐसा निकाह कराने से बचना चाहिए.'
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उन्होंने कहा कि इस्लाम शादी के लिए धर्म बदलने की वकालत नहीं करता है जो कि अंतरधार्मिक विवाह करने वाले लड़का-लड़की के माता-पिता की भावनाओं को भी आहत करता है. उन्होंने कहा, ‘‘ हम समाज में शांति और सद्भाव चाहते हैं.
इस निर्णय के बारे में पूछे जाने पर राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसका स्वागत किया और कहा, ‘‘ यह एक अच्छी पहल है. इससे समाज में सकारात्मकता फैलेगी और मुझे उम्मीद है कि हर कोई इस पर ध्यान देगा. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले साल एक कानून पेश किया था जिसमें धोखे से किसी व्यक्ति को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन कर शादी के लिए मजबूर करने पर दस साल तक के कठोर कारावास का प्रावधान किया गया है.'
(इनपुट- भाषा)
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