शांति के नोबेल प्राइज की दौड़ में शामिल हैं भारत के ये तीन नागरिक; क्या ख़ास है इनमें ?
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शांति के नोबेल प्राइज की दौड़ में शामिल हैं भारत के ये तीन नागरिक; क्या ख़ास है इनमें ?

Nobel Peace Prize 2022: नॉर्वे के सांसदों के माध्यम से सार्वजनिक की गई सूची में ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा, जुबैर और पूर्व हर्ष मंदर को नोबेल शांति पुरस्कारों की दौड़ में दावेदार बताया गया है.

प्रतीक सिन्हा, मोहम्मद जुबैर और हर्ष मंदर (बाएं से दाएं )

न्यूयॉर्कः फैक्ट चेक करनी वाली वेबसाइट ऑल्टन्यूज (AltNews) के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा (Pratik Sinha) और मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) और भारतीय लेखक एवं पूर्व नौकरशाह हर्ष मंदर (Harsh Mander) इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2022) के संभावित विजेताओं की सूची में शामिल हैं. विजेता के नाम की घोषणा से पहले जारी की गई संक्षिप्त सूची से इस बात के संकेत मिल रहे हैं, कि ये तीनों भारतीय इस साल इस दौड़ में शामिल हैं. नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2022) की घोषणा सात अक्टूबर को नॉर्वे के ओस्लो में की जाएगी.
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक सम्मानों में से एक नोबेल शांति पुरस्कार के ऐलान से पहले इस बारे में अटकलबाजियां लगाई जा रही हैं कि कौन शख्स और कौन सा संगठन पसंदीदा नाम है, और इस दौड़ में सबसे आगे है ? ‘द टाइम’ पत्रिका ने नॉर्वे के सांसदों के माध्यम से सार्वजनिक किए गए नामांकन, सट्टेबाजों की भविष्यवाणियों और पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट, ओस्लो से चुने गए नामांकन की बुनियाद पर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें संभावित विजेताओं के नाम शामिल किए गए हैं.

प्रतीक सिन्हा और जुबैर ने नफरत पर लगाई रोक 
पत्रिका की तरफ से तैयार सूची में पत्रकार प्रतीक सिन्हा और जुबैर के नाम शामिल हैं, जो भारत में गलत सूचना के प्रचार- प्रसार से लगातार जूझ रहे हैं, और वैसी खबरों की असलीयत लोगों के सामने लाने का काम कर रहे हैं. द टाइम की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों ने सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों और फर्जी खबरों को खारिज कर नफरती भाषण के प्रसार पर रोक की दिशा में एक बेहतरीन प्रयास किए हैं. 
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने जुबैर को ट्वीट के जरिये धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इल्जाम में 27 जून को गिरफ्तार किया था. ‘द टाइम’ के लेख में कहा गया है कि जुबैर की गिरफ्तारी की दुनिया भर के पत्रकारों ने निंदा की है, जिन्होंने कहा है कि जुबैर के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई फैक्ट चेक के उनके कार्य की दृष्टि से सरकार द्वारा बदला लेने जैसा कदम है.

हर्ष मंदर और उनका कारवां-ए-मोहब्बत भी दौड़ में 
इस सूची में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, बेलारूस की विपक्षी राजनेता स्वेतलाना सिखानौस्काया, विश्व स्वास्थ्य संगठन, रूसी जेल में बंद विपक्षी नेता और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता एलेक्सी नवलनी और स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग भी शामिल हैं. द पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट, ओस्लो के निदेशक हेनरिक उरदल ने संभावित शांति पुरस्कार विजेताओं की अपनी वार्षिक संक्षिप्त सूची भी जारी कर दी है. सूची में हर्ष मंदर और 2017 में उनके द्वारा शुरू किया गया अभियान ’कारवां-ए-मोहब्बत’ भी शामिल है. उरदल ने भी सिन्हा और जुबैर को भारत में ‘धार्मिक उन्माद और असहिष्णुता का मुकाबले को लेकर इस पुरस्कार के लिए अन्य योग्य उम्मीदवारों’ के तौर पर नामित किया है. उरदल की सूची के मुताबिक, हर्ष मंदर इस तरह का पुरस्कार पाने के योग्य हैं, क्योंकि उन्होंने 2017 में कारवां-ए-मोहब्बत अभियान शुरू किया था.

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