एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने कहा कि यह फैसला छात्रों के फायदे में है और वह अपने घरों में सुरक्षित रह सकेंगे.
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अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) ने कोरोना महामारी के मद्देनजर स्टूडेंट्स को हॉस्टल खाली करने और घर लौटने का हुक्म दिया है. एएमयू के सीनियर अफसरों गुरुवार को ऑनलाइन हुई मीटिंग में यह फैसला किया गया और शुक्रवार को यूनिवर्सिटी के कुलसचिव अब्दुल हमीद के ज़रिए स्टूडेंट्स को हॉस्टल खाली करने का हुक्म दिया गया है.
एएमयू के रजिस्ट्रार ने कल ऐलान किया कि हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के माता-पिता को खत भेजा जाएगा ताकि यह यकीनी किया जा सके कि उनका बच्चा छात्रावास खाली कर अपने घर लौट जाए. सभी अभिभावकों को यह खत भेजा जाएगा कि महामारी के मद्देनजर छात्र के स्वास्थ्य की सुरक्षा यकीनी करने के लिए यह कदम जरूरी है.
एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने कहा कि यह फैसला छात्रों के फायदे में है और वह अपने घरों में सुरक्षित रह सकेंगे. हालांकि एएमयू प्रशासन के इस फैसले पर छात्र नेताओं ने सख्त एतराज ज़ाहिर किया है. एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा है कि लॉकडाउन के समय बड़ी तादाद में स्टूडेंट्स अलग-अलग हॉस्टल में रह रहे हैं.
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हसन ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि हॉस्टल में रहकर ये छात्र अपनी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन ज्यादातर गांव से आने वाले छात्र घर से पढ़ाई नहीं कर पाएंगे क्योंकि संचार नेटवर्क की समस्या बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों को टीकाकरण समेत बेहतरीन मेडिकल सर्विस मिल रही है. जो ज्यादातर गांवों में मौजूद नहीं होगी. उन्होंने एएमयू अफसरों से इस फैसले पर दोबारा गौर करने की गुजारिश की है.
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