अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से मिली ज़मानत, जज ने कहा- मैं उनका चैनल नहीं देखता लेकिन...
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अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से मिली ज़मानत, जज ने कहा- मैं उनका चैनल नहीं देखता लेकिन...

साल्वे ने यह भी दावा किया कि अर्नब गोस्वामी ने सभी बकाया तय वक्त पर अदा दिया था. साल्वे ने आरोप लगाया कि रायगढ़ पुलिस ने सुसाइड मामला दोबारा खोलने में सही कानून पर अमल नहीं किया.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के एडीटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को ज़मानत दे दी है. अर्नब इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक आत्महत्या मामले में ज़ेरे हिरासत थे. अदालत ने 50 हजार के निजी मुचलके पर अर्नब गोस्वामी को रिहा करने का हुक्म दिया. 

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अर्नब गोस्वामी की तरफ से दिग्गज वकील हरीश साल्वे पेश हुए. उन्होंने ने कहा, 'अन्वय नाइक की फर्म पिछले 7 साल से घाटे में डूबी हुई थी. मुमकिन है कि उसने पहले अपनी मां का कत्ल किया हो और उसके बाद खुद सुसाइड कर लिया. 

साल्वे ने यह भी दावा किया कि अर्नब गोस्वामी ने सभी बकाया तय वक्त पर अदा दिया था. साल्वे ने आरोप लगाया कि रायगढ़ पुलिस ने सुसाइड मामला दोबारा खोलने में सही कानून पर अमल नहीं किया. 

हरीश साल्वे ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने अर्नब गोस्वामी को 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था. लोकल मजिस्ट्रेट को उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर देना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि अर्नब गोस्वामी के खिलाफ मुकदमों को सीबीआई के हैंडओवर कर दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि यदि अर्नब गोस्वामी को जमानत दे दी जाती है तो कोई आसमान नहीं टूट पड़ेगा.  

अदालत में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार को सलाह देते हुए कहा, 'हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है. महाराष्ट्र सरकार को इस सब (टीवी पर अर्नब गोस्वामी के तानों) को नजरअंदाज करना चाहिए.' जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'मैं अर्नब का चैनल नहीं देखता और आपकी विचारधारा भी अलग हो सकती है, लेकिन कोर्ट अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा नहीं करेगा तो यह रास्ता उचित नहीं है.'

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