कांग्रेस ने बीते रोज अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है. इसमें कांग्रेस ने जनता से कई वादे किए हैं. इस पर भाजपा ने कांग्रेस के घोषणापत्र को पाकिस्तान का घोषणा पत्र बता दिया है.
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कांग्रेस ने बीते रोज अपना चुनावी मेनिफेस्टो जारी कर दिया. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को इल्जाम लगाया कि कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र भारत की तुलना में पड़ोसी पाकिस्तान में चुनाव के लिए ज्यादा कारगर है. इस पर, कांग्रेस ने कहा कि शर्मा जैसे दलबदलू व्यक्ति सबसे पुरानी पार्टी के धर्मनिरपेक्ष और समावेशी लोकाचार को नहीं समझ पाएंगे. कांग्रेस ने जोर देकर कहा कि उसके घोषणापत्र का मकसद समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करना है.
कांग्रेस पर हमलावर हुए
शर्मा ने कांग्रेस के घोषणापत्र की निंदा करते हुए दावा किया कि इसका लक्ष्य सत्ता में आने के लिए समाज को विभाजित करना है. उन्होंने जोरहाट निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली से इतर संवाददाताओं से कहा, "यह तुष्टीकरण की राजनीति है और हम इसकी निंदा करते हैं. घोषणापत्र ऐसा लगता है जैसे यह भारत के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान के चुनाव के लिए है."
कांग्रेस का रिएक्शन
मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की असम इकाई के प्रवक्ता बेदब्रत बोरा ने कहा कि शर्मा जैसे दलबदलू सबसे पुरानी पार्टी के धर्मनिरपेक्ष और समावेशी लोकाचार को नहीं समझ पाएंगे. बोरा ने कहा, "शर्मा कई सालों तक कांग्रेस में रहे, लेकिन वह पार्टी के मुख्य लोकाचार को नहीं समझ सके. इसलिए वह भाजपा में चले गए. पिछले कुछ वक्त से भाजपा में रहने के बाद भी, वह अब भी भगवा दल के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के लिए कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश करते हैं." उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र का मकसद समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करना है.
कांग्रेस के घोषणापत्र में क्या है?
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया है कि देशभर में समाजिक आर्थिक और जातिगत सर्वे कराया जाएगा. स्टार्टअप के लिए युवाओं को फंड, महिलाओं को हर साल 1 लाख, महिलाओं को नौकरी में 50 फीसद आरक्षण, मनरेगा मजदूरी 400 रुपये, हस्तक्षेप वाले कानून में बदलाव, मीडियो को आजादी, सेंसरशिप कानून की वापसी, जम्मू व कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल की जाएगी. इन वादों पर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला किया है.