असम से सामने आई हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल; स्टेज पर एक साथ गूंजे 'अल्लाह हू अकबर' और 'जय श्रीराम' के नारे
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असम से सामने आई हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल; स्टेज पर एक साथ गूंजे 'अल्लाह हू अकबर' और 'जय श्रीराम' के नारे

Assam News: असम से हमेशा ही आपसी भाईचारे की मिसाले सामने आती रहती हैं. ताजा मामला लखीमपुर से सामने आया है. जहां हिंदू- मुस्लिम भाईचारे की मिसाल सामने आई है.यहां हिंदूवादी नेता ने 'अल्लाह हू अकबर' और मुस्लिम नेता ने 'जय श्री राम' के नारे लगाए.

असम से सामने आई हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल; स्टेज पर एक साथ गूंजे 'अल्लाह हू अकबर' और 'जय श्रीराम' के नारे

Hindu Muslim Unity: असम से हमेशा ही आपसी भाईचारे की मिसाले सामने आती रहती हैं. राज्य में तमाम हिंदू- मुस्लिम भाई आपस में मिलजुल कर रहते हैं. दोनों ही समुदाय के लोग हमेशा एक दूसरे के सुख-दुख में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. यहां रहने वाले सभी लोग एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते हैं.  ताजा मामला लखीमपुर से सामने आया है. जहां हिंदू- मुस्लिम भाईचारे की मिसाल सामने आई है.यहां हिंदूवादी नेता ने अल्लाह हू अकबर और मुस्लिम नेता ने  जय श्री राम के नारे लगाए.

दरअसल, असम के लखीमपुर जिले के सबोटी गांव में एक इस्लामिक एजुकेशन अधिवेशन में हिंदू- मुस्लिम भाईचारे की मिसाल देखी गई. जहां पर असम के सत्य रंजन बोरा और दूसरी तरफ मुस्लिम अलीम मुस्तफा कमाल अजहरी ने आपसी इत्तेहाद की नजीर पेश की.  इस प्रोग्राम में खासतौर से हिंदूवादी लीडर सत्य रंजन बोरा ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए. दूसरी तरफ मुस्लिम उलेमा मुस्तफा कमाल अजारी के मुंह पर जय श्री राम के नारे नजर आए. पूरे इस्लामिक एजुकेशन प्रोग्राम में जय श्री राम और अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए.

असम से पहले भी कई बार आपसी सौहार्द की खबरें लगातार आती रही हैं. बीते साल जब शिवसागर जिले के बोड़वा चौक के 2 मुस्लिम व्यक्ति हज पर जाने की तैयारी कर रहे थे. जब इस बात का पता बड़वा चौक के स्थानीय हिंदू समुदाय के लोगों को चला तो उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की. इलाके के हिन्दू भाई हज पर जाने वाले मुस्लिम व्यक्ति के घर पहुंचे और उन्हें अपने पवित्र स्थान पर जाने के लिए मुबारकबाद पेश की. हिन्दू समाज के लोगों ने उन्हें अपने घर आने की दावत दी थी. जब दोनों मुस्लिम व्यक्ति वहां पहुंचे तो उस वक्त हिंदू समुदाय के लोग पूजा की तैयारी कर रहे थे और अनुष्ठान भी शुरू होने वाला था. भावना अनुष्ठान शुरू होने से पहले ही हिंदू समाज के लोगों ने हज पर जाने वाले व्यक्तियों को असम का परंपरागत गमछा पहना कर उन्हें सम्मानित किया था.

Report : Sharifuddin Ahmed

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