श्रीनगर में पीएचईडी के प्रवक्ता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 24 जून की सर्वदलीय बैठक के परिणाम पर निराशा जताई है.
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श्रीनगरः पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने सर्वदलीय बैठक के नतीजे पर फिक्र जाहिर की है और जम्मू-कश्मीर में दीगर सियासी दलों तक पहुंचने का फैसला किया है ताकि सूबे की पुरानी स्थिति की बहाली पर एक आम सहमति बनाई जा सके. विधानसभा चुनाव से पहले राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर पीएजीडी की इतवार की शाम श्रीनगर में डॉ फारूक अब्दुल्ला की सदारत में बैठक हुई. बैठक में उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, एम. वाई. तारिगामी, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी, जावेद मुस्तफा मीर और मुजफ्फर अहमद शाह ने हिस्सा लिया. 24 जून को दिल्ली में प्रधान मंत्री की सदारत में हाल ही में हुई बैठक पर चर्चा करने के लिए यह मीटिंग बुलाई गई थी.
The PM listened to us but outcome of our deliberations is disappointing. So many restrictions on J-K are unacceptable to us. We also said that BJP had made promises to restore statehood of J-K that has not been done so far: PAGD Spox, MY Tarigami on meeting of J-K parties with PM pic.twitter.com/k3nMg79ZHZ
— ANI (@ANI) July 5, 2021
राज्य का दर्जा बहाल होने तक संघर्ष जारी रहेगा
बैठक में पीएजीडी ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के लोगों पर सभी संवैधानिक, कानूनी और राजनीतिक साधनों का उपयोग करके गैर आईनी और नामंजूर तब्दीलियों को उलटने के लिए एक साथ लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. नेताओं ने कहा है कि इन बदलावों को पुरानी हालत में बहाल करने के लिए पीएजीडी का संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक कि इस मकसद को हासिल नहीं कर लिया जाता है. पीएजीडी के सभी सदस्यों ने दिल्ली की बैठक के नतीजों पर निराशा जताई है. खास तौर पर सियासी और दीगर कैदियों को जेलों से रिहा करने की बात भी दोहराई गई है.
भाजपा को अपना वादा निभाना चाहिए
बयान में कहा गया कि 2019 से जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंचने की बहुत जरूरी प्रक्रिया शुरू हो जाती, जो जम्मू-कश्मीर समस्या के सबसे बड़े हितधारक और पीड़ित हैं. बैठक में नेताओं ने कहा कि जहां तक राज्य का दर्जा बहाल करने का सवाल है, यह संसद के पटल पर भाजपा की प्रतिबद्धता रही है और उन्हें अपने वचन का सम्मान करना चाहिए. इसलिए कोई भी विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर को मुकम्मल राज्य का दर्जा बहाल करने के बाद ही होना चाहिए.जब तक जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं दिया जाएगा तक तब किसी भी चुनाव को कराना संभव नहीं है.
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