अतीक अहमद की मौत पर क्या बोली उनकी पार्टी सपा? पढ़े BJP का रिएक्शन
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अतीक अहमद की मौत पर क्या बोली उनकी पार्टी सपा? पढ़े BJP का रिएक्शन

Atique Ahmad Death: प्रयागराज में बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को गोली मार कर कत्ल कर दिया है. इस पर कई नेताओं ने अपना रिएक्शन दिया है. 

 

अतीक अहमद की मौत पर क्या बोली उनकी पार्टी सपा? पढ़े BJP का रिएक्शन

Atique Ahmad Death: उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमत को जब पुलिस प्रयागराज के अस्पताल में जोंच के लिए ले जा रही थी तभी उन्हें तीन अंजान लोगों ने गोली मार कर कत्ल कर दिया. इस मामले में राजनीति गर्म हो गई है. सपा के सांसद रह चुके अतीक अहमद की मौत पर सपा मुखिया अखिलेश यादव का रिएक्शन आया है. 

अपराध की पराकाष्ठा

सफा मुखिया अखिलेश यादव ने लिखा है कि "उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या? इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है  कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं."

आसमानी फैसला है

वहीं अतीक अहमद की मौत पर यूपी सरकार के सीनियर मिनिस्टर सुरेश खन्ना ने कहा है कि "जब जुर्म लगातार बढ़ता है तो कुदरत भी सक्रिय हो जाती है, अपने तरीके से फैसला करने के लिए. इसलिए इनके बारे (अतीक-अशरफ) में जो कुछ भी अब तक सामने आया है. इन पर संगीन अपराधों के दर्जनों केस थे लेकिन उनके खिलाफ किसी भी केस में गवाही नहीं मिलती थी, तो मैं समझता हूं कि ये एक आसमानी फैसला है."

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पृथ्वी का भार कम होता है

बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि "भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है जब राक्षसों का संहार होता है तब पृथ्वी का भार कम होता है."

कानून व्यवस्था की नाकामी

इसी तरह से AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अतीक अहमद की मौत पर कहा है कि, "जिस समाज में हत्यारे हीरो होते हैं, उस समाज में कोर्ट और इंसाफ़ के सिस्टम का क्या काम? अतीक़ और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे. उन पर हथकड़ियां लगी हुई थीं. JSR (जय श्री राम) के नारे भी लगाये गए. दोनों की हत्या योगी के कानून व्यवस्था की नाकामी है. एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं." 

संत नहीं था अतीक

भाजपा के एमपी सुब्रत पाठक ने कहा कि "प्रयागराज में जो भी हुआ वह जांच का विषय है. हालांकि हत्या के तरीके को अभी जायज नहीं ठहराया जा सकता है, एक बात याद रखने लायक है वह ये कि जिनको मारा गया है वह संत नहीं थे. वह दर्जनों केसों में मुल्जिम था."

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