Yati Narsinghanand Statement: यति नरसिंहानंद के बयान के बाद बुलंदशहर में काफी विवाद हुआ है. पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है और इलाके में भारी सिक्योरिटी तैनात की गई है.
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Yati Narsinghanand Statement: यति नरसिंहानंद के पैगम्बर मोहम्मद (स) के बयान के बाद काफी विवाद होता दिख रहा है. बुलंदशहर में जुमा की नमाज के बाद मुसलमानों ने यति के खिलाफ नारे लगाए गए और रात में भीड़ सड़कों पर भी निकल आई. इस दौरान पत्थरबाजी की भी घटना देखने को मिली है. इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को भी गिरफ्तार किया है.
शुक्रवार शाम जिले के गद्दीवाड़ा इलाके में पुलिस दल पर कथित तौर पर पथराव करने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया. ये लोग दिन में कुछ लोगों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. एसएसपी ने कहा, "इससे पहले दिन में सिकंदराबाद पुलिस स्टेशन क्षेत्र में लोगों का एक समूह इकट्ठा हुआ और नारे लगाने लगा. स्थानीय पुलिस ने हस्तक्षेप किया और भीड़ को तितर-बितर किया तथा कुछ लोगों को हिरासत में लिया."
उन्होंने कहा, "शाम को हुई पथराव की घटना के बाद आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसमें शामिल लोगों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है और शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी".
एसएसपी और जिला मजिस्ट्रेट ने शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए समुदाय के बुजुर्गों और स्थानीय नेताओं से मुलाकात की है. उन्होंने बताया कि कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए इलाके में पर्याप्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है. कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है और गलत सूचना फैलाने वाले को कानूनी परिणाम भुगतने होंगे.
मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले और हेट स्पीच देने यति नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. गाजियाबाद पुलिस ने विवादित हिंदू पुजारी यति नरसिंहानंद के खिलाफ 29 सितंबर को लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मुहम्मद (स) के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में मामला दर्ज किया है.
पुलिस उपनिरीक्षक त्रिवेंद्र सिंह की शिकायत के बाद बीएनएस की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. सिहानी गेट थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर सचिन कुमार ने बताया कि कथित अभद्र भाषा का वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों ने कार्रवाई की. कथित तौर पर यह टिप्पणी मेजर आशाराम व्याघ सेवा संस्थान द्वारा डासना मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में की गई थी, जहां नरसिंहानंद मुख्य पुजारी के रूप में काम करते हैं.