Ban on PFI: केंद्र सरकार की तरफ से संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को अवैध करार दिए जाने के बाद अब इस संगठन को भंग कर दिया गया है. इसपर लालू प्रसाद यादव ने बड़ा बयान दिया है कि, 'PFI से पहले RSS को भंग करना चाहिए' इसपर भाजपा ने पलवार किया है.
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Ban on PFI: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को एक ‘‘हिंदू चरमपंथी संगठन’’ बताते हुए बुधवार को कहा कि इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस्लामिक चरमपंथी संगठन ‘पीएफआई’ पर प्रतिबंध के बारे में पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की. इस बीच, भाजपा ने लालू की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पर वोट बैंक और झूठी धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने का आरोप लगाया. दिल्ली में अपनी पार्टी के शीर्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद 70 वर्षीय राजद प्रमुख ने कहा, ‘‘वे पीएफआई के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं. यह आरएसएस है जो कि कट्टरपंथी है जिस पर पहले प्रतिबंध लगना चाहिए.’’
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लालू प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘‘पीएफआई की तरह नफरत और द्वेष फैलाने वाले जितने भी संगठन हैं, सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें आरएसएस भी शामिल है. सबसे पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लगाइए. यह उससे भी बदतर संगठन है. आरएसएस पर दो बार पहले भी प्रतिबंध लग चुका है. याद रहे, सबसे पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था.’’ लालू प्रसाद को राजद का अध्यक्ष चुना गया क्योंकि बुधवार को नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद वह मैदान में एकमात्र उम्मीदवार थे. वहीं, भाजपा की बिहार इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने एक बयान जारी कर कहा कि लालू पीएफआई का समर्थन करके अपने मुस्लिम वोट बैंक को मज़बूत करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी कारण से लालू आरएसएस और उसके सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के आदर्श के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया रखते हैं.
लालू प्रसाद ने यह भी दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का ‘‘सफाया’’ हो जाएगा. गौरतलब है कि लालू ने 1990 में लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा को रोक दिया था और भाजपा के दिग्गज नेता को गिरफ्तार कर लिया था. यादव से यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें उम्मीद है कि उनके बेटे तेजस्वी यादव एक दिन राज्य पर शासन करेंगे, राजद नेता ने ज़ोर देकर कहा, ‘‘बिल्कुल.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश की कमान संभालेंगे, राजद प्रमुख ने कहा, ‘‘सब लोग मिल कर संभालेंगे.’’ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी के कट्टर समर्थक रहे लालू प्रसाद ने कुमार के साथ पिछले रविवार को गांधी से मुलाकात की थी.
संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी के साथ हमारी बातचीत सार्थक रही है. आगे और भी बैठकें होंगी.’’ भाजपा के कई नेताओं के यह सवाल उठाये जाने पर कि सोनिया गांधी के साथ बैठक की तस्वीरें क्यों जारी नहीं की गईं और क्या नीतीश और वह उनसे मिले बिना लंबे इंतजार के बाद लौट आए, राजद सुप्रीमो ने कहा कि वे सोनिया गांधी से मिलने गए थे और यह कोई ‘फोटो सेशन’ नहीं था. उन्होंने कहा, ‘‘हमने करीब एक घंटे तक बात की और उनका दावा है कि कोई मुलाकात नहीं हुई थी.’’
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