Budget 2023: सरकार ने कई देशों के लिए बजट आवंटित किया है. आपको बता दें सरकार ने मालदीव और भूटान के लिए मोनेटरी फंड को बढ़ाया है. वहीं कुछ देशों के लिए बजट आवंटन में भारी कमी की थी.
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Budget 2023: इस बजट में कई बड़े ऐलान किए गए हैं जिसमें भूटान और मालदीव के लिए मोनेटरी सपोर्ट बढ़ाना भी है. आपको बता दें भारत ने बुधवार को घोषित अपने बजट 2023 में भूटान और मालदीव के लिए अपने मोनेट्री सपोर्ट में इजाफा किया है. बजट 2023-24 में भूटान के लिए 2400.58 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. मालदीव ने पिछले वर्ष की बजट घोषणा में घोषित 360 करोड़ रुपये से 400 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. आपको बता दें भारत कई बड़े प्रोजेक्ट्स में शामिल है. जिसमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट है.
आपको जानकारी के लिए बता दें सरकार ने अफगानिस्तान के अवंटन में कोई बदलाव नहीं किया है. पिछले साल की तरह इस बार भी फंड को 200 करोड़ रुपये रखा गया है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि नई दिल्ली ने तालिबान शासन को मान्यता न देने के बावजूद देश के लोगों के लिए अपना समर्थन जारी रखा है. तालिबान ने अगस्त 2021 में काबुल पर कब्जा कर लिया और यह लगातार दूसरा साल है जब भारत ने देश के लिए अपना मौद्रिक समर्थन जारी रखा है. यह नोट करना महत्वपूर्ण है. भारत ने पिछले साल के बजट में 200 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, उसी वित्तीय वर्ष के लिए संशोधित बजट को बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये कर दिया गया था. पिछले कुछ महीनों में, भारत ने देश को गेहूं, टीके और मानवीय सहायता भेजी थी.
इस बजट में सरकार ने कुछ देशों आवंटन कम करने का फैसला किया है. जिसमें बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, मंगोलिया, मॉरीशस, सेशेल्स है. भारत ने बजट 2023 में बांग्लादेश के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए, जबकि बजट 2022 में 300 करोड़ रुपये किए गए थे. नेपाल के लिए भारत ने पिछले साल 750 करोड़ रुपये आवंटित किए थे जो अब घटाकर 550 करोड़ रुपये कर दिए गए हैं. वहीं श्रीलंका में 50 करोड़ रुपयों की कटौती की गई है. पिछले साल श्रीलंका को 200 करोड़ रुपये दिए गए जो अब घटकर 150 करोड़ हो गए हैं.
म्यांमार, जहां भारत प्रमुख कनेक्टिविटी परियोजनाओं में शामिल रहा है, वहां भी भारत सरकार ने बजट एलोकेशन को कम कर दिया है. म्यांमार को पिछले साल 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे जो अब घटाकर 400 करोड़ कर दिए हैं. मंगोलिया के लिए लिए घोषणा सालाना 12 करोड़ रुपये के मुकाबले 7 करोड़ रुपये रही.
रिपोर्ट- सिद्धांत सिब्बल