9 दिसंबर 2019 को राजधा लखनऊ के परिवर्तन चौक और पुराने लखनऊ के कुछ इलाकों में पुर तशद्दुद मुज़ाहिरे हुए थे.
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लखनऊ: गुज़िश्ता साल 2019 में 19 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शहरियत तरमीमी कानून (CAA protest) के खिलाफ हुए पुर तशद्दुद मुज़ाहिरों के मामले में पुलिस ने 287 मुल्ज़िमीन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. इनमें से 18 मुल्ज़िमीन के खिलाफ रासुका (National security act, NSA) लगाने की तैयारी भी चल रही है. बलवा, तोड़फोड़, आगजनी, मारपीट, आम जायदा को नुकसान भरपाई एक्ट व सरकारी काम में खलल डालने समेत कई दफाआत में कुल 63 मुकदमे दर्ज किए गए थे.
9 दिसंबर 2019 को राजधा लखनऊ के परिवर्तन चौक और पुराने लखनऊ के कुछ इलाकों में पुर तशद्दुद मुज़ाहिरे हुए थे. जिसके बाद लखनऊ के 12 थानों में 52 अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई गई थी. पुलिस की सख्त कार्रवाई लगातार जारी है. इन मामलों में लॉ एंड ऑर्डर बिगाड़ने वाले 18 मुल्ज़िमीन के खिलाफ रासुका लगाने की तैयारी कर ली गई है. 295 मुल्ज़िमीन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और 68 मुल्ज़िमीन के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई.
शहरिय तरमीमी कानून के दौरान पुर तशद्दुद मुज़ाहिरों के मामले में 43 बचे हुए मुल्ज़िमीन की गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी है. लखनऊ के अंदर और यहां से बाहर के भी कई एक्टिविस्ट लगातार पुलिस के रडार पर हैं. लखनऊ में जिस तरह सीएए के खिलाफ करीब तीन महीने तक मुज़ाहिरे हुए थे, उस पर योगी हुकूमत ने काफी सख्त रुख अपनाया है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद एक बार फिर मुज़ाहिरे और धरने की तैयारियां अंदर खेमे में चलने का खदशा है. ऐसे में हुकूमत भी इसके लिए पूरी तरह तैयार नज़र आ रही है.
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