क्या आप खाते हैं ‘दिलबाग पान मसाला’? अदालत ने इसे लेकर दिया आदेश; जानिए, क्या है मामला ?
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क्या आप खाते हैं ‘दिलबाग पान मसाला’? अदालत ने इसे लेकर दिया आदेश; जानिए, क्या है मामला ?

न्यायाधीश राजिंदर सिंह ने कहा कि सिगरेट (Cigarette ) और दीगर तंबाकू उत्पाद (Tobacco Product ) अधिनियम में तंबाकू उत्पादों के प्रदर्शन, विज्ञान और बिक्री पर रोक है लेकिन सरोगेट विज्ञापन (Surrogate Advertisement ) के संबंध में कोई खास रोक नहीं है.

 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने कानून का उल्लंघन करते हुए तंबाकू उत्पादों के सरोगेट या अप्रत्यक्ष Surrogate Advertisement of Tobacco Product ) विज्ञापन में कथित तौर पर शामिल होने पर एक पान मसाला कंपनी को भेजी गई स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) की नोटिस पर रोक लगा दी है. कंपनी को अपना विज्ञापन अभियान जारी रखने की अनुमति देते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजिंदर सिंह ने कहा कि सिगरेट और दीगर तंबाकू उत्पाद अधिनियम में तंबाकू उत्पादों (Tobacco Product ) के प्रदर्शन, विज्ञान और बिक्री पर रोक है लेकिन सरोगेट विज्ञापन (Surrogate Advertisement) के संबंध में कोई खास रोक नहीं है.

कंपनी पर ये है आरोप 
डीजीएचएस ने दावा किया था कि 2005 में तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने वाले नियम लाए गए लेकिन कंपनी ने सरोगेट विज्ञापन अभियान चलाया, जहां ‘दिलबाग’ नाम के ब्रांड के तहत तंबाकू उत्पादों के प्रचार के लिए ‘दिलबाग पान मसाला’ का विज्ञापन किया गया. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि ‘दिलबाग’ विभिन्न तंबाकू उत्पादों के लिए एक पंजीकृत व्यापार चिह्न है. उसने कहा कि एक तंबाकू उत्पाद के ब्रांड नाम को दूसरे उत्पादों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

विज्ञापन से नौजवानों को तंबाकू की लत में फंसाया जा सकता है 
निदेशालय ने 25 अप्रैल 2018 को कंपनी को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि उसने दिल्ली के डाबड़ी फ्लाईओवर पर 2018 में तंबाकू उत्पादों के ब्रांड प्रचार के तौर पर अप्रत्यक्ष विज्ञापन वाला एक होर्डिंग लगाया ताकि युवाओं को तंबाकू की लत में फंसाया जा सके, जो सीओटीपी कानून का उल्लंघन है.

कंपनी का क्या है दावा 
बहरहाल, कंपनी ने कहा कि विज्ञापन किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं है. उसने दावा किया कि उनका पान मसाला 100 प्रतिशत तंबाकू मुक्त है और तंबाकू वाला पान मसाला ही सीओटीपी कानून के तहत आता है. कंपनी ने पांच लाख रुपये की क्षतिपूर्ति भी मांगी है. अदालत ने पान मसाला कंपनी को अंतरिम राहत देते हुए कहा कि डीजीएचएस ने कहीं यह दावा नहीं किया कि ‘दिलबाग पान मसाला’ में कोई तंबाकू, निकोटिन या कोई अन्य प्रतिबंधित पदार्थ है.

क्या होता है सरोगेट विज्ञापन ?
सरोगेट विज्ञापन, विज्ञापन का एक रूप है जिसका उपयोग किसी अन्य उत्पाद के भेष में सिगरेट, तंबाकू और शराब जैसे विनियमित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है. 

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