लड़की ने बताया कि वो झारखंड के तंबाजोर गांव, गोंडा ज़िले की रहने वाली है. लड़की के वालिदैन बहुत गरीब हैं और गांव में खेती करके अपना गुज़ारा करते हैं. मुतास्सिरा के खानदान में मां-बाप के अलावा उसके दो भाई और दो बहनें और हैं.
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नई दिल्ली: दिल्ली ख्वातीन कमीशन ने इतवार देर रात को दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके से एक 13 साल की झारखंड की रहने वाली लड़की को रेस्क्यू करवाया. आयोग को एक अंजान शख्स ने जानकारी दी कि मॉडल टाउन के एक घर में एक नाबालिग बच्ची को बगैर तंख्वाह दिए घरेलू काम पर रखा गया है और वहां उसे मारा-पीटा जाता है. शिकायत मिलते ही फौरन कमीशन ने एक टीम को दिए हुए पते पर भेजा और लड़की का रेस्क्यू करवाया.
लड़की ने बताया कि वो झारखंड के तंबाजोर गांव, गोंडा ज़िले की रहने वाली है. लड़की के वालिदैन बहुत गरीब हैं और गांव में खेती करके अपना गुज़ारा करते हैं. मुतास्सिरा के खानदान में मां-बाप के अलावा उसके दो भाई और दो बहनें और हैं. मुतास्सिरा तीसरी जमात तक पढ़ी है, उसके बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी. करीब पांच से छह महीने पहले लड़की का चाचा काम दिलाने के बहाने उसे गांव से दिल्ली लेकर आ गया और किसी प्लेसमेंट एजेंसी में उसे छोड़ दिया. प्लेसमेंट एजेंसी के ज़रिए लड़की को मॉडल टाउन के एक घर में काम पर लगाया गया. मुतास्सिरा ने बताया कि उसे घर के काम के लिए रखा गया था जिसके लिए न उसे तंख्वाह दी जाती है और वक्त-वक्त पर उसे मारा पीटा जाता रहा.
मुतास्सिरा को घर से रेस्क्यू करवाकर थाने ले जाया गया जहां से मुतास्सिरा को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया. मुतास्सिरा के बयान दर्ज किए गए और उसके बाद लड़की को शेल्टर होम में रखवाया गया. पीड़िता को अब चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने पेश किया जाएगा जिसके बाद मामले में FIR दर्ज की जाएगी और लड़की का तंख्वाह उसको दिलवाया जाएगा. लड़की अब महफूज़ है और घर से निकलने पर खुश है.
इस मौके पर दिल्ली ख्वातीन कमीशन की सद्र स्वाति मालीवाल ने कहा दिल्ली महिला कमीशन दिन रात मेहनत कर लोगों की ज़िंदगी बचाने का काम कर रहा है. प्लेसमेंट एजेंसी का रैकेट आज एक खतरनाक सतह तक फैल चुका है. छोटी-छोटी बच्चियों के बचपन उनसे छीने जा रहे हैं. झारखंड, असम, बिहार और दूसरे सूबों से न जाने कितनी लड़कियों को दिल्ली लाया जाता है और उन्हें प्लेसमेंट एजेंसी के रैकेट में धकेल दिया जाता है.
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