जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की कोशिशों में हुकूमत, 6 जुलाई को परिसीमन आयोग का दौरा
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जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की कोशिशों में हुकूमत, 6 जुलाई को परिसीमन आयोग का दौरा

जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान परिसीमन आयोग सियासी पार्टियों, अवामी नुमाइंदों और अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की कोशिशों में हुकूमत, 6 जुलाई को परिसीमन आयोग का दौरा

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में नए निर्वाचन क्षेत्र बनाने के लिए जानकारी जमा करने के मकसद से परिसीमन आयोग छह जुलाई से नौ जुलाई तक जम्मू-कश्मीर का चार रोज़ा दौरा करेगा और वहां सियासी पार्टियों, अवामी नुमाइंदों और अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा. इलेक्शन कमीशन ने बुधवार को यह जानकारी दी.

इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के दफ्तर में यहां बुधवार को हुई बैठक के बाद यह फैसला किया गया. इस बैठक की सदारत परिसीमन आयोग की सदर जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना प्रकाश देसाई और चीफ इलेक्शन कमिश्नर  (सीईसी) सुशील चंद्र ने की.

इलेक्शन कमीशन के तर्जुमान ने यहां जारी एक बयान में कहा, 'इस दौरे में (परिसीमन) आयोग सियासी जमातों, वामी नुमाइंदों और 20 जिलों के जिला इलेक्शन ऑफिसरों समेत जम्मू-कश्मीर के इंतज़ामी अधिकारियों से बात करेगा, ताकि वह जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के तहत ज़रूरी हदबंदी की जारी अमल से मुतअल्लिक ठीक जानकारी जमा कर सके.

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तर्जुमान ने कहा कि परिसीमन आयोग को उम्मीद है कि सभी फरीक इस काम में 'सहयोग' करेंगे और मुनासिब सुझाव देंगे, ताकि हदबंदी का काम वक्त पर पूरा हो सके. उन्होंने बताया कि परिसीमन (हदबंदी) आयोग 2011 की मर्दुम शुमारी जिलों/निर्वाचन क्षेत्रों के आंकड़ों को लेकर बैठकें पहले हो चुकी है.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पार्लियामेंट्री और असेंबली इलाकों के रि-शेड्यूलिंग की जिम्मेदारी परिसीमन आयोग को सौंपी गई है. आयोग का गठन पिछले साल मार्च में किया गया था और उसे अपना काम पूरा करने के लिए एक साल का वक्त दिया गया था, लेकिन कोविड-19 की वजह से इस साल मार्च में मकज़ी हुकूमत ने इसे एक और साल का वक्त दिया.

परिसीमन आयोग ऐसे वक्त में यह दौरा करेगा, जब वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ता जम्मू-कश्मीर के मुख्य धारा के राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक में जोर दिया था कि परिसीमन को अमल को जल्द पूरा किया जाएगा, ताकि जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो सकें. इस दौरे के दौरान परिसीमन आयोग के रुक्न मुख्तलिफ सियासी दलों, उनके नुमाइंदों और उन पांच सहायक सदस्यों के साथ वार्ता करेंगे, जो जम्मू-कश्मीर से लोकसभा रुक्न हैं.

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वज़ीरे मोदी ने 24 जून को जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं के साथ करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक के बाद किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा था, “हमारी तरजीह जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर जम्हूरियत को मजबूत करना है. हदबंदी के अमल को तेजी से मुकम्मल की जाएगी, ताकि चुनाव हो सकें और जम्मू-कश्मीर को मुंतखब हुकूमत मिल सके जिससे वहां विकास को मजबूती मिले.'
(इनपुट- भाषा)

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