Jamiat Ulema e Hind Sammilan: देवबन्द में दारुल उलूम मदरसा होने की वजह इस सम्मेलन में बड़े उलेमाओं की मौजूदगी भी रहेगी. जमीयत का इतिहास आज़ादी से पहला है और इस तंज़ीम से जुड़े लोग पाकिस्तान बनने के सबसे बड़े मुखालीफों से एक रहे हैं.
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देवबंद: मुल्क के मौजूदा हालात, ज्ञानवापी, कुतुबुमीनार, और मुसलमानों के सामने पेश आ रही बड़ी चुनौतियों को सामने रखते हुए जमीयत उलेमा ए हिन्द बड़ा सम्मेलन करने जा रहा है. ये सम्मेलन 28 और 29 मई को उत्तर प्रदेश के शहर देवबन्द में होगा.
जमीयत उलेमा ए हिंद (मौलाना महमूद मदनी ग्रुप) इस सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. देवबन्द में होने जा रहे इस आयोजन पर इसलिए भी सबकी निगाहें लगी रहेगी क्योंकि देशभर से हज़ारों मुस्लिम दानिशवर और उलेमा इसमे शिकरत करेंगे और मुल्क के मौजूदा माहौल को लेकर प्रस्ताव पास करेंगे.
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जमीयत उलेमा ए हिन्द मुसलमानों के सबसे बड़े सगठनों में से एक है और इस सगठन के मौजूदा अध्य्क्ष मौलाना महमूद मदनी है. महमूद मदनी राज्यसभा सांसद भी रह चुके है. जमीयत के इस सम्मेलन पर सबकी निगाहें लगी रहेगी और दो दिनों तक यहां होने वाले मंथन से मुलसमानों के मुद्दों पर बड़े एलान के पूरे इमकान है.
देवबन्द में दारुल उलूम मदरसा होने की वजह इस सम्मेलन में बड़े उलेमाओं की मौजूदगी भी रहेगी. जमीयत का इतिहास आज़ादी से पहला है और इस तंज़ीम से जुड़े लोग पाकिस्तान बनने के सबसे बड़े मुखालीफों से एक रहे हैं. ऐसे में 28 और 29 को देवबन्द में होने जा रहे जमीयत के सम्मेलन पर बड़ी निगाहे लगी रहेगी.
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