लॉकडाउन के दौरान कैब ड्राइवर ने हाथ से लिख डाला मुकम्मल क़ुरआन शरीफ, Video देखें
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लॉकडाउन के दौरान कैब ड्राइवर ने हाथ से लिख डाला मुकम्मल क़ुरआन शरीफ, Video देखें

कहते हैं न किसी भी वक्त को बुरा नहीं समझना चाहिए चाहे वो ज़ाती परेशानी का हो या कुदरती वबा. कोरोना की वजह से नाफिज] किये गये लॉकडाउन को याद कर आज भी लोग उस वक्त को कोसने से बाज़ नहीं आते लेकिन हैदराबाद के कैब ड्राईवर मोहम्मद अफसर ने इसी लॉकडाउन में तारीख रक्म कर दी.

लॉकडाउन के दौरान कैब ड्राइवर ने हाथ से लिख डाला मुकम्मल क़ुरआन शरीफ, Video देखें

मासूम सिद्दीकी: कहते हैं न किसी भी वक्त को बुरा नहीं समझना चाहिए चाहे वो ज़ाती परेशानी का हो या कुदरती वबा. कोरोना की वजह से नाफिज] किये गये लॉकडाउन को याद कर आज भी लोग उस वक्त को कोसने से बाज़ नहीं आते लेकिन हैदराबाद के कैब ड्राईवर मोहम्मद अफसर ने इसी लॉकडाउन में तारीख रक्म कर दी. जब पूरी दुनिया कोरोना वबा से बचने के लिए महीनों अपने घरों में कैद थी तब ये कैब ड्राईवर ने अपने हुनर का इस्तेमाल कर सबको चौंका दिया.

लॉकडाउन के दौरान लोग घरों के अंदर क़ैदी जैसा एहसास कर रहे थें तो अपने बचपन से दिलों में इसकी आरजू लिए मोहम्मद अफ़सर ने अपने हाथों से कुरआन करीम की लिख डाली. किताबत का शौक़ स्टेल और चाक तक महदूद रखने वाले अफसर ने क़ुरआन को लिखने का आग़ाज़ लॉकडाउन से पहले कर दिया था. इस दौरान वो सिर्फ सनीचर और इतवार के रोज़ लिखावट का काम करते थे. इसी बीच लॉकडाउन लग गया और उसी दौरान शुरू हुए रमज़ान के मुबारक महीने ने उनका काम और आसान कर दिया.

जब ये खबर मंज़रे आम पर आई तो ओलेमा ने भी अफसर के इस अमल की तारीफ की. शहर के मुफ्ती सादिक मोहय्युद्दीन ने खुशी का इज़हार करते हुए कहा कि परवर दिगार कौन सा काम किससे ले लेगा ये कोई नहीं जानता. इसलिए हर फुर्सत के वक्त को सही काम में लगाना चाहिए. इस दौरान मुफ्ती सादिक मोहय्युद्दीन ने इस्लामी किताब हदीस में कही गई बातों का भी जिक्र करते हुए इसे बेहद नेक काम बताया.

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