'गद्दार' कहे जाने पर भड़के एकनाथ शिंदे, कहा- गद्दारी नहीं गदर किया है
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'गद्दार' कहे जाने पर भड़के एकनाथ शिंदे, कहा- गद्दारी नहीं गदर किया है

Maharashtra crisis: महाराष्ट्र का सियासी संकट अभी भी थमता नजर नहीं आ रहा है. दोनों नेताओं के दरमियान जबनी जंग जारी है. उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे को गद्दार कह कर संबोधित किया तो एकनाथ शिंदे ने अपने आपको बाला साहब का शिवसैनिक बताया है.

'गद्दार' कहे जाने पर भड़के एकनाथ शिंदे, कहा- गद्दारी नहीं गदर किया है

Maharashtra crisis: महाराष्ट्र का सियासी संकट तो थम गया है लेकिन एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के दौरान जुबानी जंग अभी भी जारी है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को दशहरा रैली में कहा कि उनकी बगावत ‘विश्वासघात’ नहीं बल्कि ‘गदर’ थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से हाथ मिलाने को लेकर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक पर घुटने टेकने चाहिए और माफी मांगनी चाहिए.

उद्धव ने जनता को दिया धोखा

दशहरे के अवसर पर बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में एक महारैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि राज्य में मतदाताओं ने 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना और भाजपा को चुना था, लेकिन उद्धव ठाकरे ने महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गठन के लिए कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिलाकर राज्य की जनता को ‘धोखा’ दिया. 

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गद्दारी नहीं गदर किया

शिंदे ने करीब डेढ़ घंटे लंबे भाषण में कहा, ‘‘हमने गद्दारी नहीं की, बल्कि यह गदर था. हम गद्दार नहीं हैं, बल्कि बाला साहेब के सैनिक हैं. आपने बाला साहेब के मूल्यों को बेच दिया कौन असली गद्दार है जिसने सत्ता के लालच में हिन्दुत्व से गद्दारी की.’’ शिवसेना का ठाकरे गुट अक्सर शिंदे नीत विद्रोहियों को ‘गद्दार’ कहकर निशाना बनाता रहा है. मुख्यमंत्री ने जून में ठाकरे नेतृत्व के खिलाफ अपनी बगाव का बचाव करते हुए कहा, ‘‘हमने यह कदम शिवसेना को बचाने, बाला साहेब के मूल्यों के संरक्षण, हिन्दुत्व और महाराष्ट्र की बेहतरी के लिए उठाया. हमने सबके सामने ऐसा किया.’’ 

क्या था मामला?

गौरतलब है कि शिंदे गुट की बगावत के कारण राज्य की मौजूदा महा विकास आघाड़ी (कांग्रेस- राकांपा- शिवसेना गठबंधन की) सरकार 29 जून को गिर गयी थी. इसके बाद शिंदे ने 30 जून को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. मुख्यमंत्री ने उद्धव ठाकरे से शिवसेना के संस्थापक व उनके दिवंगत पिता बाल ठाकरे के स्मारक पर घुटने टेकने और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों-कांग्रेस तथा राकांपा से हाथ मिलाने के लिए माफी मांगने को कहा.

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