मग़रिबी बंगाल मदरसा बोर्ड के सद्र अबू ताहेर कमरुद्दीन का कहना है कि गुज़िश्ता साल 10वीं जमाअत के मदरसा बोर्ड इम्तेहानात में 11.9 फीसदी तलबा ने हिस्सा लिया था लेकिन इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 14.26 फीसद पंहुच गया है
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कोलकाता: मदरसों को लेकर एक हैरानकुन खुलासा हुआ है और मदरसों को लेकर समाज के ज़हन में पैदा होने वाली तस्वीर भी अब बदल रही है. दरअसल मग़रिबी बंगाल में मदरसों में पढ़ने वाले तलबा में हिंदू तलबा की एक बड़ी तादाद शामिल है. मग़रिबी बंगाल मदरसा बोर्ड के सद्र अबू ताहेर कमरुद्दीन का कहना है कि गुज़िश्ता साल 10वीं जमाअत के मदरसा बोर्ड इम्तेहानात में 11.9 फीसदी तलबा ने हिस्सा लिया था लेकिन इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 14.26 फीसद पंहुच गया है.
मदरसा बोर्ड के सद्र ताहेर कमरुद्दीन ने बताया कि गुज़िश्ता कई सालों से मदरसों में हिंदू बच्चों की तादाद मुसलसल बढ़ रही है और हर साल तकरीबन 2 से 3 फीसद हिंदू तलबा का इज़ाफ़ा होता है. उन्होंने बताया कि रियासत में इस साल मदरसा बोर्ड का इम्तेहानात देने वाले तलबा में ग़ैर मुस्लिम तलबा की तादाद 12.77 फीसदी थी जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 18 फीसदी हो गई है.
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि रियासत के कुछ मदरसों में तो हिंदू तलबा की तादाद मुस्लिम तलबा से भी ज्यादा है और हिंदू तलबा की ना सिर्फ़ तादाद बढ़ रही है बल्कि वो मुस्लिम तलबा से अच्छा मुकाबला कर बेहतर नतायज ला रहे हैं.
मदरसों में बढ़ रही हिंदू तलबा की तादाद की वजह यह बताई जा रही है कि यहां पर मदरसों में बेहतरीन तालीमी निज़ाम है और साथ में वज़ीफे के भी अच्छे इंतेज़ामात हैं. कुछ लोगों को यह भी कहना है कि सरकारी स्कूलों में कम सीटों के चलते लोग अपने बच्चों के दाखिला मदरसों में करवा रहे हैं.