Farm Laws: पंजाब के 32 किसान यूनियन के नेताओं ने सिंघू बार्डर पर सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान एमएसपी को कानूनी गारंटी और किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने तथा आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के परिजन को मुआजवा देने सहित अपनी छह मांगों का जिक्र किया.
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नई दिल्ली: संसद में तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को निरस्त किए जाने को प्रदर्शनकारियों की जीत करार देते हुए पंजाब के किसान नेताओं ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग की और कहा कि एक दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की आपात बैठक में भविष्य की रणनीति के बारे में फैसला किया जाएगा.
पंजाब के 32 किसान यूनियन के नेताओं ने सिंघू बार्डर पर सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान एमएसपी को कानूनी गारंटी और किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने तथा आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के परिजन को मुआजवा देने सहित अपनी छह मांगों का जिक्र किया. साथ ही, कहा कि जवाब देने के लिए केंद्र के पास मंगलवार तक का समय है.
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संसद के शीतकालीन सत्र के प्रथम दिन सोमवार को दोनों सदनों ने कृषि कानून वापसी बिल पारित कर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी. तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को संसद द्वारा निरस्त किए जाने पर एक किसान नेता ने कहा, ‘‘यह हमारी जीत है, हम किसानों के खिलाफ मामले वापस चाहते हैं और फसलों के एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए एक समिति गठित की जाए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘केद्र के पास हमारी मांगों पर जवाब देने के लिए कल (मंगलवार) तक का समय है, हमने भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने के लिए एसकेएम की बुधवार को एक आपात बैठक बुलाई है. ’’बता दें प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवंबर को प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख कर एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित किसानों की छह मांगों पर फौरन वार्ता बहाल करने का अनुरोध किया था.
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