पार्वती नदी के किनारे खेत में शुक्रवार को देर शाम एक बच्चा रोता हुआ मिला तो गांव वाले उसे किशनगंज ले आए.
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बारां: राजस्थान के बारां जिले में एक बाप ने ऐसी वारदात को अंजाम दिया है कि जो इस बारे में सुन रहा है वो हैरान रह जाता है. दरअसल किशनगंज कस्बे के नजदीक एक खेत में कड़ाके की ठंड में लावारिस हालत में एक चार साल के बच्चे को बरामद किया था. जिसके मां-बाप को पुलिस ने अब ढूंढ लिया और जांच में जो सामने आया वो हैरान कर देने वाला था.
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पार्वती नदी के किनारे खेत में शुक्रवार को देर शाम एक बच्चा रोता हुआ मिला तो गांव वाले उसे किशनगंज ले आए. यहां उन्होंने उस बच्चे को पुलिस के हवाले कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उसे अस्पताल में दाखिल कराया और बच्चे के मां-बाप की तलाश के लिए आसपास के गांवों में उसकी तस्वीरें भेजीं.
जिसके बाद पुलिस को जानकारी मिली कि बच्चे की मां रानीबड़ौद गांव में रिश्तेदार के यहां रुकी हुई है. महिला से बच्चे की शिनाख्त कराई तो उसने उसे पहचान लिया. बच्चे की शिनाख्त के बाद मां ने जो खुलासा किया वो हैरान कर देने वाला था.
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मां ने बताया कि वह अपने पति और दो बच्चों के साथ पीहर खंडेला खेड़ी गांव से किशनगंज पार्वती नदी की तरफ आ रहे थे. रानी बड़ौद में रिश्तेदार के यहां रुकने पर पति राम प्रसाद सहरिया बड़े बेटे और लक्की को लेकर गया. महिला डेढ़ साल साल के दूसरे बेटे के साथ रिश्तेदार के यहां ही रुक गई थी. जिस बेटे को पिता अपने साथ ले गया था वो एक महीने से बीमार था और कुपोषण का शिकार था. पिता आर्थिक तौर पर इतना परेशान था कि बच्चे का इलाज नहीं करवा सकता था. जिसके बाद उसने बच्चे खेतों में ही छोड़ दिया.
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बता दें कि बारां जिले की सहरिया जनजाति को कुपोषण मुक्त करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं करोड़ों खर्च कर चलाई जा रही हैं. ऐसे में इस तरह के मामले सामने आना इन तमाम योजनाओं पर सवाल खड़े करता है.
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