28 साल बाद पाकिस्तान से लौटे पिता को देखकर रोते-रोते बेहोश हो गई बेटी
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28 साल बाद पाकिस्तान से लौटे पिता को देखकर रोते-रोते बेहोश हो गई बेटी

कानपुर में कंघी मोहाल निवासी शमसुद्दीन के भाई फहीमुद्दीन ने बताया कि उन्हें पहले ये खबर ही नहीं थी कि भाई को पाकिस्तान की जेल से रिहा करके अमृतसर में क्वॉरंटीइन किया गया है.

28 साल बाद पाकिस्तान से लौटे पिता को देखकर रोते-रोते बेहोश हो गई बेटी

कानपुर: 28 साल पहले टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान गए एक शख्स को वापसी की उम्मीद जब घरवाले छोड़ चुके थे, तब वे अचानक परिवार के सामने पहुंचे तो किसी को भी अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ. बेटी पिता को देखकर रोते-रोते बेहोश हो गई, भाई-भतीजों को इस बात को यकीन करने में वक्त लग गया कि 58 साल के शमसुद्दीन उनके सामने खड़े हैं. गली-मोहल्ले वाले फूलों और मिठाइयों से उनका स्वागत करने लगे.

कानपुर में कंघी मोहाल निवासी शमसुद्दीन के भाई फहीमुद्दीन ने बताया कि उन्हें पहले ये खबर ही नहीं थी कि भाई को पाकिस्तान की जेल से रिहा करके अमृतसर में क्वॉरंटीइन किया गया है. जब मीडिया से उन्हें इस बात की जानकारी मिली तो उनकी आंखें नम हो गईं. फहीमुद्दीन बताते हैं कि शमसुद्दीन साल 1992 में पाकिस्तान घूमने गए थे. जिसके बाद वापस अपने वतन नहीं आए. हालांकि उनकी घरवालों से कुछ सालों तक बातचीत होती रही लेकिन पिछले 12 साल से उनका राब्ता परिवार से टूट गया था.

फहीमुद्दीन के मुताबिक जब शमसुद्दीन पाकिस्तान जाने के बाद नहीं लौटे तो उनकी बेटी भी पाकिस्तान गईं. बाद में जब उनका तलाक हो गया तो पत्नी तो वापस हिंदुस्तान आ गईं लेकिन शमसुद्दीन वहीं काम-धंधे में लगे रहे. फोन पर घरवालों से बात भी करते थे और चाहते थे कि देश वापस लौट आएं. इसी बीच पाकिस्तान में उन पर जासूसी का इल्ज़ाम लगाकर उन्हें जेल में बंद कर दिया गया. जब वे 30 साल के थे, तब पाकिस्तान गए थे और इस वक्त उनकी उम्र 58 साल है.

जूते बनाने के कारीगर हैं शमसुद्दीन
शमसुद्दीन कानपुर में जूते बनाने के कारीगर हैं. वे बांसमंडी में मौजूद फैक्ट्री में काम करते थे. पाकिस्तान पहुंचने पर पहले उन्होंने चूड़ी की दुकान पर काम किया. उसके बाद ठेला लगाकर चप्पल बेचने लगे. वे वापस आना चाहते थे, तभी भारतीय जासूस होने के इल्ज़ाम में जेल में बंद हो गए. शमसुद्दीन चार भाइयों और दो बहनों में सबसे बड़े हैं. फहीमुद्दीन के साथ ही नसीरुद्दीन और चांद बाबू भी उनके भाई हैं. शाहीन और चंदा बहनें हैं. उनके पाकिस्तान जाते समय ये सभी छोटे थे, शमसुद्दीन जहां रहते थे, वहीं अब भी सब रहते हैं. उनके तीन बच्चों में दो बेटियों की शादी हो चुकी है, जबकि एक बेटा है.

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