सुरक्षित गर्भनिरोधक की कमी से आज भी जूझ रही दुनिया की महिलाएं; इनके किस काम की है आपकी तरक्की ?
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सुरक्षित गर्भनिरोधक की कमी से आज भी जूझ रही दुनिया की महिलाएं; इनके किस काम की है आपकी तरक्की ?

एक रिपोर्ट के अनुसार,बाजार में इस समय महिला गर्भनिरोधक की जरूरतें वैसी ही हैं जैसी आज से 10 साल पहेले थी. रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में अभी भी महिलाओं को अनचाही प्रेगनेंसी से बेहतर सुरक्षा देने वाली चिकित्सीय दवाओं की काफी कमी है.

सुरक्षित गर्भनिरोधक की कमी से आज भी जूझ रही दुनिया की महिलाएं; इनके किस काम की है आपकी तरक्की ?

आज के इस मेडिकली एडवांस युग में, जहां हमने बड़ी से बड़ी पेचीदा' बीमारियों के इलाज में  महत्वपूर्ण प्रगति की है, यह एक बेहद ही बड़ी विडंबना  है कि हम सुरक्षित महिला गर्भ निरोधकों की आवश्यकता से जूझ रहे हैं. दवाओं और उपचार के विकल्पों  के बावजूद, महिलाओं के गर्भनिरोधक विकल्पों के साथ जुड़े सुरक्षा संबंधित चिंताओं का सामना करना बेहद गंभीर मामला है.ग्लोबल डेटा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वक़्त बाजार में  महिला गर्भनिरोधक की जरूरतें वैसी ही हैं, जैसी आज से 10 साल पहले थी. बाजार में मौजूद गर्भ निरोधकों से इर्रेगुलर ब्लीडिंग, वजन बढ़ना, मूड में बदलाव, डिप्रेशन, माइग्रेन या सिरदर्द, उल्टी जैसा जी होना और मुँहासे होने का खतरा रहता है. 

डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडेटा की रिपोर्ट से पता चलता है कि कुछ महिलाएं हार्मोनल गर्भनिरोधकों के साइड इफेक्ट्स की वजह से इनका इस्तमाल करने से हिचकिचाती हैं. बाजार में गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधकों के ऑप्शन का न होना उन महिलाओं के लिए भी चिंता की बात है, जो हार्मोनल गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल नही करना चाहती हैं. 

आखिर क्या होते हैं हार्मोनल गर्भनिरोधकों और गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधकों
हार्मोनल गर्भनिरोधकों एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन जैसे सिंथेटिक हार्मोन का उपयोग करता है, जो शरीर स्वाभाविक रूप से पैदा करता है. एक या दोनों हार्मोन का उपयोग शरीर को तीन तरह से प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है.

सबसे पहले, वे ओव्यूलेशन (अंडाशय से अंडे की रिहाई) को रोकते हैं. दूसरा, वे सर्वेक्स पर म्यूकस की परत को गाढ़ा कर देते हैं, जिससे स्पर्म के लिए उस बिंदु तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है जहां अंडा मौजूद होने पर प्रेगनेंसी होती है और तीसरा, ये हार्मोन यूट्रस की परत को बदल देते हैं.इन हार्मोनल गर्भनिरोधकों से गर्भवती होने का जोखिम काफी कम हो जाता है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हार्मोनल गर्भनिरोधक एचआईवी सहित यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) को नहीं रोकता है.

गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधक गर्भावस्था के जोखिम को इस तरह से कम कर देती हैं जिससे महिला के हार्मोन प्रभावित नहीं होते हैं और हार्मोनल गर्भनिरोधकों से होने वाले साइड इफेक्ट्स से बची रहती हैं.  इनमें ऐसे उपकरण शामिल होतें हैं जो स्पर्म को अंडों तक पहुंचने से रोकते हैं और ऐसे रसायन भी शामिल होते हैं जो स्पर्म को मार देते हैं.

ग्लोबलडेटा में कार्डियोवास्कुलर और मेटाबोलिक डिसऑर्डर विश्लेषक शिरीन मोहम्मद ने कहा कि "ज्यादातर देशों में गर्भनिरोधक मेथड्स तक पहुंच भी एक चुनौती बनी हुई है. यहीं नहीं, बाजार में गर्भनिरोधकों की उपलब्धता के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी एक कठिन समस्या बनी हुई है. गर्भनिरोधकों को मंजूरी दी जा सकती है, लेकिन यह दवाएं बीमा कंपनियों द्वारा कवर की जाती हैं या नहीं, यह एक और तकलीफ़ है. एसी मामूली तकनीकी बाधाएँ कई महिलाओं को सही गर्भनिरोधक का चुनाव करने से रोकती हैं, क्योंकि यह उनके वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है. इतना ही नही डॉ शिरीन ने यह भी बताया कि "गर्भनिरोधक के मामलो में  Compliance और adherence दो बड़ी चुनौतीयां हैं. 

सही और बेहतर गर्भनिरोधक तक पहुंच और उनकी सुरक्षा में होने वाली चुनौतियों के बावजूद, कई महिलाएं या तो हर दिन ओरल हार्मोनल गर्भनिरोधक लेना याद नहीं रखती हैं या साइड इफेक्ट्स के कारण उन्हें पूरी तरह से खाना छोड़ देती हैं. ओरल गर्भनिरोधक लेने वाली महिलाओं में अपनी दवाओं को वक़्त पर न लेना एक बड़ी समस्या है.

उन्होंने यह भी बताया कि लोगों के बीच गर्भनिरोधक तकनीकों के बारे में ज्ञान को बढ़ाने से लाभ हो सकता है, जिससे व्यक्तियों को सही निर्णय लेने में मदद मिल सकती है और गर्भनिरोधक को प्रभावी ढंग से उपयोग करने में सक्षम बनाया जा सकता है. गर्भनिरोधक के ऐसे तरीके जो लंबे समय तक चल सकें जैसे hormonal intrauterine devices, जो तीन से पांच साल तक चल सकते हैं मगर ये भी अन्य मौखिक गर्भनिरोधकों की तरह ही साइड इफेक्ट्स पैदा कर सकते हैं.

इस अधूरी आवश्यकता को पूरा करने के लिए, कम साइड इफेक्ट्स वाले गर्भनिरोधक मेथडस  के विकास की आवश्यकता है.आखिर  में, गर्भनिरोधक मेथड्स  के बारे में जागरुकता में सुधार की बेहद ज़रूरी है, क्योंकि कई लोग आज भी इसके विभिन्न प्रकारों से वाकिफ नही हैं,और यह जानने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं कि यह तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है.

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