एफ़आईआर दर्ज कराने वाल वकील संतोष दुबे का कहना है कि मैने जावेद अख्तर को लीगल नोटिस भेजकर उनकी टिप्पणी पर माफ़ी मांगने के लिए कहा था लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया, जिसके बाद मेरी शिकायत पर उनके खिलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है।
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नई दिल्ली: गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) आए दिन खबरों में रहते हैं, इसकी वजह उनका हर मुद्दे पर राय रखना और कुछ हट कर कहना है। एक बार फिर से जावेद अख्तर सुर्खियों का हिस्सा हैं, वजह है उनका आरएसएस (RSS) का तालिबान (Taliban) से तुलना करने वाला बयान। जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होने आरएसएस (RSS) की तुलना तालिबान (Taliban) से कर दी थी। जिसके बाद उनके खिलाफ़ संतोष दुबे (Santosh Dube) नाम के एक वकील ने एफ़आईआर (FIR) दर्ज कराई है। यह एफआईआए मुलंड थाने में आईपीसी की धारा 500 के तहत दर्ज कराई गई है।
एफ़आईआर दर्ज कराने वाल वकील संतोष दुबे का कहना है कि मैने जावेद अख्तर को लीगल नोटिस भेजकर उनकी टिप्पणी पर माफ़ी मांगने के लिए कहा था लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया, जिसके बाद मेरी शिकायत पर उनके खिलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है।
संतोष ने पहले कहा था कि अगर जावेद अख्तर लिखित माफ़ी और नोटिस का जवाब 7 दिनों में नहीं देते हैं तो वह उन पर अपराधिक मामला दर्ज कराएंगे और 100 करोड़ का हर्जाना लेंगे। उन्होने कहा कि जावेद अख्तर ने जिस तरह की बयानबाज़ी की है वह धारा 499 और 500 के तहत अपराध है।
क्या था जावेद अख्तर का बयान?
जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि आरएसएस का सपोर्ट करने वालों की मानसिक्ता तालिबानियों की तरह है। इस संघ का सपोर्ट करने वालों को आत्मपरिक्षण करना चाहिए। आप जिनका सपोर्ट कर रहे हैं उनमें और तालिबानियों में क्या अंतर है। इसी बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने जावेद अख्तर को ट्रोल करना शुरू कर दिया था।
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