इस मौके पर जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर (Najma Akhtar) ने खुशी का इज़हार किया है और तमाम स्टूडेंट्स, टीचर्स और साबिक स्टूडेंट्स के अलावा तमाम मुतअल्लिकीन की काविशों की सराहना की है.
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नई दिल्ली: अक्सर सुर्खियों में बनी रहने वाली दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने इस बार एक नई इबारत लिखी है. ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट मिनिस्ट्री ने जुमेरात को नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ़) का ऐलान किया है. जिसमें जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने पहली बार 10वां मकाम हासिल किया है. गुज़िश्ता बरस यह 12 वें मकाम पर थी. वहीं ओवरऑल कैटगरी में जामिया को 16 वें मकाम पर रखा गया है, जो गुज़िश्ता साल की 19 वें मकाम पर थी.
इस मौके पर जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर (Najma Akhtar) ने खुशी का इज़हार किया है और तमाम स्टूडेंट्स, टीचर्स और साबिक स्टूडेंट्स के अलावा तमाम मुतअल्लिकीन की काविशों की सराहना की है. उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में यूनवर्सिटी के सामने चुनौतियों से भरा वक्त था, उसके बावजूद जामिया को यह कामयाबी मिली, जिसकी अहमियत और बढ़ जाती है. नजमा अख्तर ने कहा कि हमारे रिसर्चर और टीचर्स की रिसर्च बहुत अच्छी रही और उन लोगों की रिसर्च से काफी लोगों ने फायदा भी उठाया है, उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में भी हम अच्छा करने के लिए पुर अज्म हैं.
बता दें कि जामिया मिलिया इस्लामिया सेंट्रल यूनिवर्सिटी है, यह नई दिल्ली के जनूबी इलाके ओखला में यमुना के किनारे पर मौजूद है. यह यूनिवर्सिटी 1920 में ब्रिटिश राज के दौरान कायम की गई थी और 1988 में हिंदुस्तानी पार्लियामेंट की एक एक्ट के ज़रिए इस यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाया गया.
क्या है एनआईआरएफ़
एनआईआरएफ़ हिंदुस्तानी तालीमी निज़ाम के हर शोबे को टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेस, रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिसेस वगैरा की क्वालिटी की बुनियाद पर रैंक देने वाला इदारा है. इसकी शुरूआत 29 सितंबर 2015 को गई थी और 4 अप्रैल 2016 को रिसर्च के बाद की पहली तालीमी इदारों की फहरिस्त जारी की गई थी.
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